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भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए 53 दावेदार

पार्टी के जिला कार्यालय पर पदाधिकारियों ने लाइन में लगकर लिए नामांकन पत्र गहमा-गहमी 25 नामांकन फार्म लेकर बैठे चुनाव अधिकारी कम पड़े तो कराये फोटोकापी -चुनाव अधिकारियों के समक्ष जमा किए गए आवेदन जबरदस्त रही

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 12:46 AM (IST)Updated: Thu, 21 Nov 2019 12:46 AM (IST)
भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए 53 दावेदार
भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए 53 दावेदार

जागरण संवाददाता, हाथरस : भारतीय जनता पार्टी के जिला कार्यालय पर शायद ही इससे पहले कभी ऐसी मारामारी देखने को मिली हो। सत्ता का असर ऐसा था कि जिलाध्यक्ष पद पर दावेदारों की लाइन लग गई। कार्यालय में केवल 25 नामांकन पत्र रखे गए थे। कम पड़ने पर फोटोकॉपी करानी पड़ी। जिलाध्यक्ष व प्रदेश परिषद कार्यकारिणी के लिए कुल 55 नामांकन पत्र खरीदे गए, जिनमें सभी जमा भी हुए। इनमें कुछ ही चेहरे हैं, जो जिलाध्यक्ष पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।

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भाजपा को अनुशासित पार्टी यूं ही नहीं कहा जाता। इसका उदाहरण बुधवार को भाजपा के जिला कार्यालय पर देखने को मिला। नामांकन पत्र खरीदने व जमा करने के लिए भाजपा नेता लाइन में नजर आए। वे नेता भी जो नाक पर मक्खी नहीं बैठने देते। कार्यालय के कंप्यूटर कक्ष पर सुबह 10 बजे से पहले ही लाइन लगनी शुरू हो गई थी। सुबह से ही भाजपा कार्यालय पर गहमा-गहमी का माहौल रहा। वरिष्ठ नेता अपने समर्थकों के साथ आवेदन करने पहुंचे थे। मुख्य गेट से लेकर अंदर बैठक कक्ष तक जबरदस्त भीड़ थी। किसी को उम्मीद नहीं थी कि इतनी संख्या में आवेदन आएंगे। दोपहर बाद तक जिला चुनाव अधिकारी लज्जारानी गर्ग व जिला सह चुनाव अधिकारी हेमंत राजपूत के समक्ष आवेदन जमा करने की प्रक्रिया चलती रही। जिलाध्यक्ष पद के लिए 53 आवेदन आए तथा प्रदेश परिषद कार्यकारिणी के लिए दो आवेदन आए। इनमें पूर्व पालिकाध्यक्ष डॉली माहौर व सिकंदराराऊ से देवदत्त वर्मा भी शामिल थे। जिलाध्यक्ष पद की लिस्ट 25 से 30 नवंबर के बीच फाइनल होने की संभावना जताई जा रही है।

व्यवस्था में जिलाध्यक्ष गौरव आर्य, जिला महामंत्री संजय सक्सेना, हरिशंकर राना भूरा पहलवान, मोहन पंडित, रूपेश उपाध्याय, जितेंद्र वाष्र्णेय, रवि वाष्र्णेय, पवन जैन आदि शामिल थे। नामांकन पत्र के लिए नोकझोंक

नामांकन के लिए इतनी संख्या की उम्मीद नहीं थी। जब नामांकन पत्र कम पड़ गए तो व्यवस्था में जुटे लोगों ने चेहरा देखकर नामांकन पत्र देना शुरू किया। इससे पहले तक वे लोग भी नामांकन कर रहे थे, जो पार्टी संविधान के अनुसार जिलाध्यक्ष पद के लिए पात्र नहीं हैं। सख्ती पर लाइन में लगे कुछ कार्यकर्ताओं ने नामांकन पत्र दे रहे पदाधिकारी से नोकझोंक व अभद्रता पर उतर आए। काम नहीं आवेदन से मतलब

केंद्र व प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के कारण हर कोई जिलाध्यक्ष बनने की होड़ में दिखा। इन्हें अपने काम से नहीं, बल्कि आवेदन से मतलब था। ऐसे लोग भी सामने आए, जो कि पार्टी गतिविधियों में सक्रिय नहीं रहते और न ही क्षेत्र में नजर आते हैं। जिला कार्यकारिणी के लिए बना रहे रास्ता

आवेदन करने वालों में जिलाध्यक्ष पद के असली दावेदारों में चार-पांच चेहरे ही हैं। बाकी कार्यकर्ताओं ने इस आस में आवेदन किए हैं कि जिलाध्यक्ष न सही जिला कार्यकारिणी में कोई जगह मिल जाए।


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