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क्वारंटाइन किए 51 के भागने से मची खलबली

बाद में पुलिस प्रशासन की टीमों ने 22 लोगों को पकड़ा 29 पर मुकदमा दर्ज कराया गया अंधेर आइसोलेशन होम की जिम्मेदारी लेखपाल व चौकीदार पर थी हाथरस के दो आश्रय स्थलों से भी भागे थे 45 सोता रहा था प्रशासन

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 11:42 PM (IST)Updated: Thu, 02 Apr 2020 11:42 PM (IST)
क्वारंटाइन किए 51 के भागने से मची खलबली

संवाद सूत्र, हाथरस : सादाबाद तहसील के बिसावर क्षेत्र के करीब पांच दर्जन ऐसे लोग जो रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में गए थे, लॉकडाउन होने पर गांव लौटे तो उन्हें परिवार से अलग रखने के लिए कम्पोजिट विद्यालय में शेल्टर होम बनवाकर कुल 51 लोगों को क्वारंटाइन किया गया था। बुधवार रात ये लोग चुपके से भाग गए। इसकी भनक लगी तो प्रशासन में खलबली मची। बाद में ढूंढ़कर 22 लोगों को वापस लाया गया जबकि शेष 29 के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इस मामले में लापरवाही बरतने पर वीडीओ केपी सिंह को निलंबित कर दिया गया है। वहीं हाथरस के दो आश्रय स्थलों से 45 लोगों के भागने की खबर के बाद भी प्रशासन गहरी नींद सोता रहा।

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प्रदेश सरकार के निर्देश पर दूसरे राज्यों से घर लौट रहे लोगों को 14 दिन तक परिजनों से दूर रखने के लिए आश्रयस्थलों पर रखा जा रहा है। बिसावर के विद्यालय में प्रधान तथा खंड विकास कार्यालय के माध्यम से आइसोलेशन होम बनवाया गया था। यहां पर रोके गए लोगों के खाने-पीने तथा रहने की व्यवस्था के साथ ही स्वास्थ्य परीक्षण तथा अन्य व्यवस्थाएं भी की गई थीं। बिसावर क्षेत्र के विभिन्न गांवों के पांच दर्जन के करीब लोग जो बाहर से लौटे थे, उन्हें यहां क्वारंटाइन किया गया था। सूत्रों के मुताबिक बुधवार को कंपोजिट विद्यालय में स्वास्थ्य टीम ने इनका परीक्षण किया था तब 51 लोग परीक्षण में शामिल हुए थे। आइसोलेशन होम की जिम्मेदारी लेखपाल तथा चौकीदार पर थी। इनकी सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस की जिम्मेदारी भी थी। बताते हैं लेखपाल रात्रि को वहां से गायब हो गया। तभी किसी तरह से ये सभी लोग चौकीदार की नजरों से बचकर कंपोजिट विद्यालय की बाउंड्री वाल फांदकर भाग गए। सुबह तक इनकी जानकारी प्रधान से लेकर किसी भी व्यक्ति को नहीं हो सकी तब प्रधान खंड विकास कार्यालय स्टाफ के हाथ पैर फूल गए। बाद में ग्राम प्रधानों के सहयोग से 22 लोगों को तो वापस लाकर आइसोलेशन होम में पुन:रखा गया, लेकिन 29 लोग नहीं मिले।

बाद में उपजिलाधिकारी राजेश कुमार, तहसीलदार ज्योत्सना सिंह, एडीओ पंचायत देवेंद्र गौतम, पुलिस उपाधीक्षक योगेश कुमार, राजस्व निरीक्षक डीपी पौरुष तथा अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। पड़ताल करने के बाद लापता 29 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए।

29 लोगों के खिलाफ मुकदमा

कोतवाली में हल्का लेखपाल अनिल गौतम ने आइपीसी की धारा 269 तथा 270 के अलावा महामारी अधिनियम की धारा 4 के अंतर्गत रिपोर्ट दर्ज कराई है। लेखपाल के अनुसार जो लोग आइसोलेशन होम से भागे थे उनमें प्रमुख रूप से प्रदीप चौधरी, पंकज सिंह, राहुल, सत्यवीर, विष्णु सिंह, करतार सिंह , रविद्र सिंह , जितेंद्र सिंह, भूरा, वीरेंद्र, हरिओम सिंह, हरेंद्र, सुधीर, संतोष, आकाश निवासीगण विधीपुर, चंद्रवीर निवासी नगला शेखा, संजय, सुभाष , श्रीनिवास निवासीगण तिल्हू, संजय, लोकेश निवासी गढ़ बिसावर, सोनू सिंह, अवसाद, जमीर योगेश, गौरव निवासीगण नगला छत्ती, वेद प्रकाश टीकैत शामिल हैं।

एडीओ पंचायत से मांगा स्पष्टीकरण

हाथरस: सहायक विकास अधिकारी सादाबाद देवेंद्र कुमार को शेल्टर होम का पर्यवेक्षण न करने पर जिला पंचायत राज अधिकारी बनवारी सिंह ने तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है, जबकि वीडीओ केपी सिंह को निलंबित कर दिया है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए हाथरस जनपद की 47 ग्राम पंचायतों में शेल्टर होम बनाया गया है। डीपीआरओ के अनुसार रात में सादाबाद क्षेत्र में बाहरी लोगों को ठहराने की सूचना भी दी गई थी, मगर मीडिया बंधुओं से पता चला कि ठहराए गए सारे लोग अपने घर चले गए। कहने के बाद भी निगरानी के लिए नोडल कर्मचारी नामित नहीं किया गया, यह घोर लापरवाही है।


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