कोर्ट को गुमराह करने पर 50 हजार का अर्थदंड
बकाया पर काटा था गली बिछुआ के बकायेदार का विद्युत कनेक्शन हाईकोर्ट में गलत तथ्य पेश कर याचिका डालने पर अर्थदंड
संवाद सहयोगी, हाथरस : विद्युत वितरण खंड प्रथम के अधिकारियों ने कुछ माह पूर्व गली बिछुआ निवासी एक बकायेदार का कनेक्शन बकाया होने पर काटा था। बकायेदार ने वसूली को स्टे कराने के उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। गलत तथ्य पेश कर याचिका डालने पर अब कोर्ट ने बकायेदार पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
गली बिछुआ निवासी वीरेंद्र कुमार जैन के कनेक्शन को बकाया पर एक्सईएन प्रथम आदित्य पांडेय के निर्देश पर कटवाया था। कनेक्शन जुड़वाने तथा वसूली पर स्टे लगवाने के लिए बकायेदार ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने दोनों पक्षों को सुना। उच्च न्यायालय ने निर्णय में कहा कि याची ने नौ नवंबर 2017 को एक अपील अंतर्गत धारा 127 विद्युत अधिनियम 2005 प्रस्तुत की। याचिका में प्रस्तुत संलग्न का अवलोकन किया गया तो पाया गया कि वास्तव में याची ने धारा 127 के अंतर्गत कोई अपील प्रस्तुत नहीं की, बल्कि उपभोक्ता व्यथा निवारण फोरम अलीगढ़ के यहां प्रस्तुत की गई, जिसमें दस रुपये जमा कराकर शेष धनराशि किस्त में जमा कराने के आदेश जारी किए गए थे। इसके बाद भी अनुपालन याची के द्वारा नहीं किया गया। एक्सईएन प्रथम आदित्य पांडेय ने बताया कि उच्च न्यायालय ने याचिका को निरस्त करते हुए याची पर गलत तथ्यों के आधार पर याचिका प्रस्तुत करने के कारण 50 हजार रुपये का दंड आरोपित किया है।