साढ़े तीन लाख उपभोक्ता एक पंखा के साथ जलाते बल्ब
राजीव शर्मा हरदोई साढ़े तीन लाख उपभोक्ता सिर्फ एक पंखा व बल्ब का ही उपभोग कर रहे हैं
राजीव शर्मा, हरदोई : साढ़े तीन लाख उपभोक्ता सिर्फ एक पंखा व बल्ब का ही उपभोग कर रहे हैं। यह सुनने में भले ही अटपटा लग रहा हो, लेकिन विभागीय आंकड़ों में ऐसा ही है। इससे विभाग को प्रतिमाह लाखों के राजस्व का चूना लग रहा है। यह उपभोक्ता ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्र के भी हैं, जो विभागीय मिली भगत से खेल कर रहे हैं।
जनपद में चार लाख 25 हजार कुल उपभोक्ता हैं। इनमें 95 हजार शहरी और शेष ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता है। विभाग की ओर से प्रतिमाह कार्यदायी संस्था की ओर से रीडिग कराई जाती है और उसी के आधार पर बिल बनाया जा रहा है। विभाग की ओर से मीटर रीडिग के अनुसार घरेलू और व्यवसायिक की प्रति यूनिट की दर से रेट तय हैं। उसी के अनुसार उपभोक्ता को बिल अदा करना होता है। विभाग पचास यूनिट से कम का उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं का लाइफ लाइन उपभोक्ता मानता है कि वह सिर्फ जीवन यापन के लिए ही बिजली का उपभोग करते हैं और को सबसे सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराई जाती है। विभागीय आंकड़ों की मानें तो जनपद में 4 लाख 25 हजार उपभोक्ताओं में तीन लाख 50 हजार उपभोक्ता ऐसे हैं जो पचास यूनिट से कम का उपभोग कर रहे हैं। इनमें 15 हजार 600 सौ शहरी उपभोक्ता भी शामिल है।
यह है निर्धारित दरें :
लाइफ लाइन उपभोक्ता :
50 यूनिट से कम : 3 रुपये प्रति यूनिट व फिक्स चार्ज 50 रुपये प्रतिमाह
100 यूनिट से कम : 3.35 रुपये प्रति यूनिट व फिक्स चार्ज 90 रुपये प्रतिमाह
सामान्य उपभोक्ता :
150 यूनिट तक : 5.50 रुपये प्रति यूनिट व फिक्स चार्ज 150 रुपये
151 से 300 तक : 6 रुपये प्रति यूनिट व फिक्स चार्ज 150 रुपये
301 से 500 तक : 7 रुपये प्रति यूनिट व फिक्स चार्ज 200 रुपये 50 यूनिट में इतना हो सकता उपभोग : अगर कोई उपभोक्ता पूरे माह में प्रतिदिन आठ से दस घंटे दो एलईडी बल्ब व एक पंखा का प्रयोग करता है, तो उसकी यूनिट पचास से कम रह सकती हैं जो शहर में तो संभव नहीं है।
अब लाइफ लाइन उपभोक्ता की श्रेणी समाप्त हो गई है। उपभोक्ताओं की मीटर से रीडिग और लोड के आधार पर बिलिग की जा रही है। जिले में ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या अधिक है। इसकी जांच कराई जाएगी।
एके सिंह, मुख्य अभियंता मध्यांचल विद्युत वितरण निगम