नाकामियों के तनाव से बढ़ रही हैं आत्महत्या की घटनाएं
-जिले में तेजी से बढ़ रहा जान देने का ग्राफ
हरदोई : केस एक : टड़ियावां क्षेत्र के ग्राम ककरहा मजरा पुरवा देवरिया निवासी श्यामू ने 23 जून को पत्नी को साथ न भेजने से नाराज होकर घर में फांसी लगाकर जान दे दी।
केस दो : बेनीगंज क्षेत्र के ग्राम झरोइया निवासी ध्रुव सिंह नौ जून को जहरीला पदार्थ खा लिया था। निजी अस्पताल में ध्रुव सिंह की मौत हो गई। स्वजन का कहना था कि घर में हुई मामूली बात पर ध्रुव ने जहर खाकर जान दे दी थी।
बदलती लाइफ स्टाइल और नाकामियों का तनाव इतना बढ़ रहा है कि हर उम्र और तबके से जुड़े इंसान सुसाइड कर रहे हैं। जिले में आत्महत्या का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। साल के छह माह में लगभग 238 लोग मौत को गले लगा चुके हैं। सबसे ज्यादा फांसी लगाकर जान देने के मामले सामने आ रहे हैं। कई घटनाएं तो ऐसी सामने आई हैं, जिनमें मामूली बात पर ही युवकों ने जान दे दी है।
जिले में अधिकतर युवा वर्ग के लोग हैं, जिन्होंने घर में मामूली को लेकर फांसी या फिर जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जान दे दी। जनवरी से अब तक जिले में लगभग 288 लोगों ने आत्महत्या कर जान गंवाई है। इनमें मार्च और मई में 44-44 लोगों ने जान दी।
एक क्षण के गुस्से को करें कंट्रोल : आत्महत्या एक पल का गुस्सा होता हैं, जो व्यक्ति को हैवान बना देता है। इसलिए उस क्षण के गुस्से पर काबू करें, ताकि आत्महत्या के आंकड़ों पर कंट्रोल किया जा सकें। परिवार के लोगों को चाहिए की आपस में परेशानी को शेयर करें। गुमसुम रहने वाले युवा इस प्रकार का ज्यादा कदम उठाते हैं।
डा. प्रदीप कुमार, जिला अस्पताल यह हैं जनवरी से अब तक आत्महत्या के आंकड़े :
माह : फांसी : जहर
जनवरी : 31 : 09
फरवरी : 23 : 06
मार्च : 36 : 08
अप्रैल : 31 : 09
मई : 34 : 10
जून : 32 : 08