चकबंदी कार्यालय की कार्यशैली के विरोध में प्रदर्शन
- किसानों ने कलेक्ट्रेट से तहसील तक निकाला मार्च सौंपा ज्ञापन
हरदोई : विकास खंड टड़ियावां के चकबंदी कार्यालय की कार्यशैली के विरोध में किसानों ने कलेक्ट्रेट में धरना दिया।
भारतीय किसान यूनियन राष्ट्रीयतावादी के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह चौहान के नेतृत्व में शनिवार को किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में विरोध प्रदर्शन किया गया। इसके उपरांत कलेक्ट्रेट परिसर से तहसील सदर तक पैदल मार्च किया गया और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें कहा गया कि ब्लाक टड़ियावां के गांव जलालपुर में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। वहां पर चकबंदी कार्यालय टड़ियावां के कर्मचारियों की ओर से की जा रही पैमाइश और चक नापने में मनमानी की गई। इस संबंध में कई बार जिला प्रशासन को शिकायत दर्ज कराई गई। मगर कार्रवाई नहीं हुई। इससे किसान परेशान भटक रहे है। उन्होंने आरोप लगाया कि कर्मचारियों ने मौके पर न जाकर चकबंदी कार्यालय में मनमाने तरीके से बंदोबस्त की कार्रवाई कर दी। उन्होंने प्रकरण की जांच कर दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। इस मौके पर सुदामा प्रसाद, रूपकांत सहित कई किसान मौजूद रहे।
शिक्षकों की मांग को लेकर जूनियर शिक्षक संघ शुरू करेगा संघर्ष : हरदोई : उत्तर प्रदेशीय जूनियर शिक्षक संघ शिक्षकों की मांगों को पूर न होने पर 17 फरवरी से संघर्ष शुरू करेगा। शिक्षकों की मांगों को लेकर संघ की ओर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया।
प्रदेश अध्यक्ष योगेश त्यागी ने दिए गए ज्ञापन में बताया कि शिक्षकों की बीस सूत्रीय मांगों को पूरा किया जाए। शिक्षकों की मांगे पूरी न की गई तो 17 फरवरी से संघर्ष शुरू किया जाएगा। 17 फरवरी को प्रदेश में सभी जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया जाएगा, एक मार्च से पांच मार्च तक काली पट्टी बांध कर विरोध जताया जाएगा, 27 मई को जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन् किया जाएगा। उन्होंने मांगों के संबंध में बताया कि शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय आख्या के पैरा मीटरर्स में उनके मूल दायित्व से हटकर अंक निर्धारित किए गए है, यह काला कानून है,शिक्षकों की पदोन्नि्त लंबित है, शिक्षकों को कैशलेश चिकित्सा की सुविधा, ग्रीष्मावकाश में ईएल की सुविधा, अनुदेशकों को 25 हजार रुपये मानदेय, सभी शिक्षकों को अंर्तजनपदीय स्थानांतरण का लाभ, जनपदों में स्थानांतरण की सुविधा, विद्यालयों की सुरक्षा के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्त, मृतक आश्रितों को उनकी योग्यता के आधार पर नियुक्ति दी जाए आदि मांगें शामिल हैँ।