किसानों ने जुलूस निकाल कर कृषि कानून का किया विरोध
-पूरी तरह से बेअसर रहा भारत बंद सामान्य दिनों की तरह खुली दुकानें - किसानों ने जाम लगाने का किया प्रयास पुलिस ने सड़क से उठाया
हरदोई : कृषि कानून के विरोध में संयुक्त मोर्चा के भारत बंद के आह्वान का असर सोमवार को शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं दिखाई दिया। दुकानें सामान्य दिनों की तरह खुली रहीं। वहीं किसान संगठनों के बैनरतले किसानों ने अलग-अलग स्थानों पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारेबाजी की। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए जगह-जगह पुलिसबल मौजूद रहा।
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक, भारतीय किसान यूनियन अम्बावता व नव भारतीय किसान संगठन अराजनैतिक आदि संगठनों के बैनर तले किसान कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे और धरना प्रदर्शन किया। किसान दोपहर में दुकानें बंद कराने को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर से निकले। पुलिस बल ने किसानों को धरना स्थल पर रोकने और समझाने का प्रयास किया, लेकिन किसानों ने पुलिसकर्मियों की बात नहीं सुनी। किसान कलेक्ट्रेट परिसर से चलकर सोल्जर बोर्ड चौराहा पहुंचे। यहां पर पुलिस बल ने बैरिकेडिग लगाकर किसानों को रोका और आगे बढ़ने नहीं दिया। नाराज किसानों ने सरकार विरोधी नारेबाजी की और बैरिकेडिग तोड़कर सिनेमा चौराहा पहुंच गए और जाम लगा दिया। कुछ किसान जाम लगाने के उद्देश्य से सड़क पर बैठने लगे, तो पुलिसकर्मियों ने उन्हें उठा दिया। कुछ देर के लिए लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा। किसान सिनेमा चौराहा से मौनी बाबा मंदिर, अस्पताल रोड होते हुए धरना स्थल पर पहुंचे। भाकियू जिलाध्यक्ष राजबहादुर सिंह यादव ने कहा कि केंद्र सरकार को कृषि कानून को वापस ले लेना चाहिए। इन कानूनों के लागू होते ही कृषि व किसान, आम जनमानस तबाह हो जाएगा। किसान को बर्बाद व भयभीत कर देश को खुशहाल नहीं बनाया जा सकता। भकियू अम्बावता के जिलाध्यक्ष अशोक राठौर ने तीनों कृषि कानून वापस लेने, डीजल, पेट्रोल व रसोई गैस की कीमतों पर नियंत्रण करने, संपूर्ण उत्तर प्रदेश में बिजली की अघोषित कटौती रोकने व किसान आयोग का गठन करने की मांग की। उधर नव भारतीय किसान संगठन अराजनैतिक के बैनतरले किसान कलेक्ट्रेट परिसर से रेलवे स्टेशन रोड होते हुए जिदपीर चौराहा पहुंचे और प्रदर्शन किया। शाहाबाद में भाकियू जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में किसान डाकबंगले के पास एकत्र हुए और नारेबाजी करते हुए तहसील पहुंचकर एसडीएम को ज्ञापन दिया। कछौना में किसानों ने कछौना-लखनऊ हरदोई मार्ग जाम लगाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने जाम नहीं लगने दिया। प्रदेश अध्यक्ष ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर किसान विरोधी कानून वापस लेने व किसानों के कर्ज माफ करने आदि की मांग की।