महंगाई से आलू किसानों के जीवन में खुशहाली आई
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हरदोई : दो वर्षो से आलू की बर्बादी हो रही थी। आलू का रकबा भी कम हुआ। इस बार आलू बाजार में तेजी से किसानों के चेहरे पर मुस्कराहट लौट आई। थोक बाजार में आलू 1800 रुपये तक बिक रहा है। इससे कोल्ड स्टोरेज से आलू की निकासी तेजी से हो रही है। उद्यान विभाग के आंकड़े इस बात के गवाह हैं। आंकड़ों में कोल्ड स्टोरेज से 72 फीसद तक आलू की निकासी हो चुकी है।
जिले में 31 कोल्ड स्टोरेज संचालित हैं, जिनकी भंडारण क्षमता एक लाख 86 हजार 981 मीट्रिक टन है। पिछले वर्ष आलू भाव कम होने से हुई बर्बादी का असर कोल्ड स्टोरेज पर पड़ा था। अधिकतर किसानों ने कोल्ड स्टोरेज में आलू न रखकर बेचना उचित समझा। इससे कोल्ड स्टोरेज में आलू भंडारण की क्षमता की कमी आई। फिर भी एक लाख 25 हजार 885 मीट्रिक टन आलू कोल्ड स्टोरेज में रखा गया। शुरुआत में आलू निकासी धीमी रही, जिसने कोल्ड स्टोरेज संचालकों की चिता बढ़ा दी। जिला उद्यान विभाग के आंकड़ों के अनुसार नवरात्र में आलू के दामों में तेजी आई तो आलू किसानों के चेहरे खिल गए। अब तक 90 हजार 803 मीट्रिक टन आलू की निकासी हो चुकी है। इस समय 35 हजार 82 मीट्रिक आलू कोल्ड स्टोरेज में भंडारित है, जिसकी निकासी 30 नवंबर तक होनी है। थोक व्यापारी राजू व विजय कुमार ने बताया कि नया आलू बाजार में उपलब्ध है, जो हल्द्वानी से आ रहा है।
रकबा घटने के बाद बढ़ा आलू का उत्पादन : पिछले वर्ष आलू की बर्बादी हुई, तो आलू की बोआई कम हुई। इससे आलू का रकबा 12 हजार 800 हेक्टेयर से घटकर 12 हजार 200 हेक्टेयर रह गया। अधिकारियों के अनुसार बेहतर मौसम के चलते आलू का उत्पादन बेहतर रहा। अधिकारी बोले
किसान 30 नवंबर तक कोल्ड स्टोरेज से आलू निकाल सकता है। नवंबर के आखिरी सप्ताह तक नया आलू बाजार में आने की उम्मीद है, जिससे आलू बाजार महंगा रहने के आसार है।
-- हरिओम, प्रभारी जिला उद्यान अधिकारी