कृषि विभाग की सूची में नाबालिग और भूमिहीन शामिल
संवाद सूत्र में रविवार को जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार साहू ने तहसील पहुंचकर तहसीलदार अवधेश कुमार से बातचीत की।
शाहाबाद : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत कृषि विभाग द्वारा संपूर्ण तहसील क्षेत्र के किसानों की भेजी गई सूची में अधिकांश फर्जी नाम पाए जाने का मामला प्रकाश में आने के बाद कृषि विभाग में खलबली मची हुई है। इस संबंध में रविवार को जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार साहू ने तहसील पहुंचकर तहसीलदार अवधेश कुमार से जानकारी ली। जिला कृषि अधिकारी द्वारा तहसील के 459 गांव के किसानों की जो सूची तहसील भेजी गई उसका लेखपालों द्वारा सत्यापन और मिलान किया जा रहा है। इंतखाब खतौनी से मिलान करने पर 80 फीसद किसानों के नाम फर्जी मिल रहे हैं। यही नहीं सूची में कई नाबालिग लोगों के नाम शामिल कर दिए गए हैं। इसके अलावा कई ऐसे नाम भी प्रकाश में आए हैं जिनके नाम एक एक बिसवा तक कृषि भूमि नहीं है और भूमिहीन हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सभी किसानों के खातों में धनराशि भेजी जानी है। इसी क्रम में कृषि विभाग से सूची तहसील द्वारा मांगी गई है। भूलेख कार्यालय के अनुसार कृषि विभाग द्वारा तहसील क्षेत्र के 459 गांव की जो सूची भेजी गई है उसमें खतौनी का मिलान करने पर 80 फीसद नाम फर्जी मिल रहे हैं, क्योंकि तहसील में कंप्यूटराइज खतौनी से इन लोगों के नाम और रकवा मेल नहीं खा रहा हैं। यही नहीं कृषि विभाग द्वारा कृषकों की यह वही सूची भेजी गई है जिसमें किसानों द्वारा खाद बीज समेत सरकार द्वारा चलाई जा रही कई जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त किया जा चुका है। आश्चर्य की बात तो यह है कि जब खतौनी में इन किसानों के नाम ही नहीं मिल रहे हैं और अधिकांश लोग भूमिहीन हैं तो योजनाओं का लाभ कृषि विभाग द्वारा इन लोगों को किस आधार पर दे दिया गया है। कृषि विभाग के अधिकारी कुछ बताने को तैयार नहीं हैं। भूलेख कार्यालय के कर्मचारियों द्वारा इन फर्जी किसानों के बारे में तहसीलदार अवधेश कुमार को भी अवगत करा दिया गया है। इसके बाद पूरी जानकारी जिले के आला अफसरों को भी दे दी गई।