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सफाई की पहली 'जंग' हार गई हरदोई

प्रदेशभर के गांवों में सफाई की जंग छिड़ी थी। इस जंग का अखाड़ा था स्वच्छता सर्वेक्षण (एसएसजी-2019)। जोर-आजमाइश में प्रदेश के 75 जिले थे। बड़ी उम्मीद के साथ हरदोई भी लड़ाई में शामिल थी लेकिन अधूरी तैयारी जागरूकता की कमी और कुछ हद तक उदासीनता के नाते पहली जंग (फीडबैक) में हार का सामना करना पड़ा। स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजे आए तो हरदोई को 68वां स्थान मिला। यानी 75 जिलों वाले प्रदेश में नीचे से आठवां पायदान हमें मिला। यह शर्मनाक है और सोचनीय भी। क्योंकि हरदोई से छोटे और कम संसाधन वाले जिले फीडबैक में शीर्ष-10 में हैं। हालांकि अभी 65 नंबर के चरणों का नतीजा आना बाकी है। इसके आधार पर जिले की रैंक तय होगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 10:55 PM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2019 06:25 AM (IST)
सफाई की पहली 'जंग' हार गई हरदोई
सफाई की पहली 'जंग' हार गई हरदोई

हरदोई : प्रदेशभर के गांवों में सफाई की 'जंग' छिड़ी थी। इस जंग का अखाड़ा था स्वच्छता सर्वेक्षण (एसएसजी-2019)। जोर-आजमाइश में प्रदेश के 75 जिले थे। बड़ी उम्मीद के साथ हरदोई भी लड़ाई में शामिल थी, लेकिन अधूरी तैयारी, जागरूकता की कमी और कुछ हद तक उदासीनता के नाते पहली जंग (फीडबैक) में हार का सामना करना पड़ा। स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजे आए तो हरदोई को 68वां स्थान मिला। यानी 75 जिलों वाले प्रदेश में नीचे से आठवां पायदान हमें मिला। यह शर्मनाक है और सोचनीय भी। क्योंकि हरदोई से छोटे और कम संसाधन वाले जिले फीडबैक में शीर्ष-10 में हैं। हालांकि अभी 65 नंबर के चरणों का नतीजा आना बाकी है। इसके आधार पर जिले की रैंक तय होगी।

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सिर्फ 21 हजार नागरिकों ने दिया फीडबैक :

14 अगस्त से 25 सितंबर तक स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत सर्वे टीमों ने गांवों का निरीक्षण किया। नागरिकों की राय जानने के लिए मोबाइल से ऑनलाइन सर्वे कराया गया। मोबाइल में एसएसजी-2019 एप के साथ टोल-फ्री नंबर 18005720112 पर स्वच्छता का फीडबैक देना था। लेकिन मोबाइल एप डाउनलोड कर सिर्फ 21795 ने तो 13473 ने टोल फ्री नंबर पर कॉल कर फीडबैक दिया। संतकबीरनगर कॉल कर फीडबैक देने में अव्वल रहा। वहां से 13,544 लोगों ने कॉल किया।

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अब सर्वे और फीडिग पर दामोमदार :

स्वच्छता सर्वेक्षण के जिला समन्वयक हिमांशु मिश्रा ने बताया कि 100 में से 35 अंक फीडबैक पर थे। वहीं, गांवों के मूल्यांकन की रिपोर्ट पर 30 और बाकी के 35 अंक सरकारी सिस्टम की वेबसाइट पर शौचालय आदि की फीडिंग/अपलोडिंग पर मिलने हैं। तीनों कटेगरी के अंकों के आधार पर रैंक बनेगी। अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिले को दो अक्टूबर को सम्मानित किया जाएगा।


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