मेरा तन मन निछावर है मेरी भारत की मिट्टी पे
Þमेरा तन मन निछावर है मेों से हौसल अफजाई की और कविताओं को आनंद उठाया।
हरदोई : मेरा तन मन निछावर है मेरी भारत की मिट्टी पे, मैं भारत मां की पीड़ा का सदा ही सार लिखता हूं, का कविता पाठ सुन श्रोताओं में देश भक्ति का जोर भर गया। श्रोताओं ने कवियों को तालियों से हौसला अफजाई की और कविताओं को आनंद उठाया।
श्री सीताराम सुंदरकांड सत्संग सेवा समिति की ओर से ग्रीन गार्डन लॉन में सोमवार रात को विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्र व विशिष्ट अतिथि नगरपालिका अध्यक्ष सुखसागर मिश्र मधुर व पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण शास्त्री ने दीप प्रज्ज्वलन व मां शारदा के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।
बाराबंकी के कवि प्रमोद पंकज ने वाणी वंदना से कवि सम्मेलन की शुरुआत की। लखनऊ के कवि सचिन साधारण ने रास मधुबन में कान्हा रचाने लगे, राधिका अधर मुस्कुराने लगे गीत पढ़ा। कवि मोहन मिश्र ने मेरा तन मन निछावर है मेरी भारत की मिट्टी पे, मैं भारत मां की पीड़ा का सदा ही सार लिखता हूं, रायबरेली के हास्य कवि संदीप शरारती ने अपने अनूठे अंदाज में हमसे मोर्चा लेकर पाकिस्तान हुआ बर्बाद, घर में घुसकर ऐसा मारा नानी आ गई याद, बरेली के कवि डा. कमलकांत तिवारी ने अपनी चढ़ती हुई जवानी मित्रों मत बेकार करो, फुलझड़ियों से मत खेलो और एटम बम तैयार करो, गीतकार पवन कश्यप ने वो मखमल के जैसी बहर में लिपटकर, वो देखो हमारी गजल आ रही है, अजीत शुक्ल ने दलबदल पर तंज कसते हुए चाटुकारिता के फंडे बदल रहे हैं, आ गया चुनाव तो झंडे बदल रहे हैं, रचना सुनाई। गीतकार करुणेश सरल ने बहुत बाहोश हूं मैं जब बेहोश होता हूं, तुम्हीं से बात करता हूं, मैं जब खामोश होता हूं गीत पढ़ा। कवि प्रमोद पंकज ने अपनी पैरोडियों से श्रोताओं को खूब हंसाया। नीरज पांडेय ने राम जी के पांवों से जुड़ाव जिसका हुआ है, पांव उसके कोई भी टाल सकता नहीं, शाहजहांपुर के विजय तन्हा ने बंधे हो भला कोई किसी जाति बंधन में, किसी की आंख में आंसू कभी किचित न आने दो कविता सुनाई। पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष उमेश अग्रवाल, पारुल दीक्षित, अजय बाजपेई भुल्लन, प्रशांत बाजपेई, सन्तोष मिश्र, शिव पांडेय, राजवर्धन सिंह, मुरारी पाठक, श्याम जी गुप्ता, अमित शुक्ल, अभिषेक गुप्त, पंकज अवस्थी आदि रहे।