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35 साल से लाइफलाइन में नहीं आया पानी

हरदोई : शाहजहांपुर से लखीमपुर ब्रांच टेल से पानी छोड़े जाने की है व्यवस्था -निजी संसाधानों

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 10:41 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 10:41 PM (IST)
35 साल से लाइफलाइन में नहीं आया पानी
35 साल से लाइफलाइन में नहीं आया पानी

हरदोई : शाहजहांपुर से लखीमपुर ब्रांच टेल से पानी छोड़े जाने की है व्यवस्था -निजी संसाधानों की ¨सचाई से बढ़ी रही किसानों कृषि उपज लागत

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जागरण संवाददाता, हरदोई : खेती के लिए लाइफलाइन कही जाने वाली नहरें सूखी पड़ी हैं और किसान पानी के लिए तरस रहे हैं। शाहजहांपुर से लखीमपुर-खीरी ब्रांच टेल से बरबन रजबहा समेत तीन रजबहों में 35 वर्षों से पानी नहीं आया। किसानों को स्वयं के संसाधनों से फसलों की ¨सचाई करानी पड़ी है, जिससे उपज की लागत में वृद्धि हो रही है।

शारदा बैराज से हरदोई एवं लखीमपुर-खीरी ब्रांच को पानी मिलता है। जिले की तहसील शाहाबाद एवं सवायजपुर क्षेत्र को शाहजहांपुर शारदा खंड के अधीन आने वाले लखीमपुर-खीरी ब्रांच टेल से बरबन रजबहा को पानी दिए जाने की व्यवस्था है। बरबन रजबहा शाहजहांपुर के कोर्रिया-कांठ से जिले की नई बस्ती के निकट प्रवेश करता है। जिले में बरबन रजबहा से लखनौर-कमालपुर एवं सवायजपुर रजबहा निकलते हैं। बरबन रजबहा की सफाई आदि न होने से 35 वर्ष से पानी ही नहीं आया है। जिससे किसानों को मुफ्त ¨सचाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं लोगों ने रजबहा में पानी न आने से कई स्थानों पर अतिक्रमण कर पाट तक लिया है।

इन गांवों के किसानों को नहीं मिल पा रहा लाभ : बरबन रजबहा पर नई बस्ती, कुबेरपुर, मुड़रामऊ, बाबरपु, निजामपुर, सहजनपुर, सिमरिया, पहाड़पुर, बसेलिया, भैलामऊ, बड़ौरा एवं नकटौरा आदि गांव, सवायजपुर रजबहा पर बिल्सरी, माननगला, बिल्सरहेलन, लुधियारा, कन्हारी, रूपापुर, हथौड़ा, भैंसी नगला एवं लखनौर-कमालपुर रजबहा पर इन गांवों के साथ ही चकरसूलपुर, शहबजापुर, सुल्तानपुर, पचदेवरा, उबरीखेड़ा, अनंगपुर, खिरिया, नारायनपुर, भरखनी, दरियाबाद, आमतारा, मैकपुर, कुरारी आदि गांवों के किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है।

साहबों को खूब लगा रजबहा का पानी : बरबन रजबहा की सफाई भले ही 30-35 सालों न हुई हो और न ही क्षेत्र के लोगों को इसका लाभ मिला हो, लेकिन कागजों पर पिछले वर्ष 2011-12 एवं 2013-14 में सफाई करा दी गई थी। कागजों पर सफाई के नाम पूरी राशि डकारी गई और साहबों ने इसका लाभ पाया। बताया गया कि मामले की जांच के आदेश भी हुए, लेकिन आलाहाकिम भी बाद में पानी-पानी हो गए और फाइल दब गई। वहीं नोडल अधिकारी का कहना है कि पूरा मामला शाहजहांपुर से जुड़ा होने के कारण वह कुछ भी स्पष्ट नहीं बता सकते हैं।


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