घरों में मातम कर मनाया मुहर्रम
हरदोई शहर से लेकर कस्बा और ग्रामीण क्षेत्रों में मुहर्रम मनाया गया।
हरदोई : शहर से लेकर कस्बा और ग्रामीण क्षेत्रों में मुहर्रम मनाया गया। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार घरों में ताजिया व मजलिस का पाठ किया गया। शहर की सड़कों पर ताजिया व अलम जुलूस नहीं निकला। शहर और कस्बों में सुरक्षा को लेकर पुलिस फोर्स तैनात रहा।
मोमीनाबाद चौराहा स्थित इमामबाड़े में ताजिया रखकर लोगों ने मजलिस पढ़कर अपने इमाम हुसैन की शहादत बयान की। संडीला में दसवीं के दिन इमामबाड़ा व अजाखानों में आयोजित मजलिसों में कर्बला का वाक्या सुन लोगों की आंखे नम हो गई। इस वर्ष मुहर्रम में न तो ताजिया सजाए गए और न ही सड़कों पर कोई जुलूस निकले। केवल इमामबाड़ों व अजाखानों में सरकार की गाइड लाइन का पालन करते हुए मजलिसे आयोजित की गई। पहली मुहर्रम को जरी का जुलूस निकालने वाले चौधरी हासिम रजा का कहना है कि इस बार जैसा सूनापन मुहर्रम में कभी नहीं दिखा। चार तारीख को आग का व सात को छुरी का मातम देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ती थी। नौ तारीख कत्ल की रात पर लोग मन्नत मांगते हुए अपने घरों में छोटे-छोटे ताजिया रखे जिन्हें दसवीं मुहर्रम की सुबह खेत व बागों में दफन किया गया। दसवीं के दिन कर्बला के गेट पर ताला लटका रहा। कुछ लोगों ने ताजिया दफन न कर अगले साल के लिए घरों में सुरक्षित रख लिया। दसवीं को मजलिसों में कर्बला का मंजर सुनकर लोगों की आंखें नम हो गई। शान्ति व्यवस्था बनाए रखने के लिए एसडीएम मनोज कुमार श्रीवास्तव, सीओ अमित किशोर श्रीवास्तव व कोतवाल पुलिस बल के साथ बराबर गस्त करते रहे। मल्लावां में कोरोना संक्रमण के चलते मुहर्रम की दसवीं को लोगों ने घरों में ही ताजियों को रखा था और घरों में ही कुरान ख्वानी कराई गई। फातिया पड़ी गई। शाम को लोगों ने कर्बला में जाकर घरों में रखे ताजियों को दफन कर दिया। यही हाल गावों राघौपुर, मटियामऊ, हरपुरा, गंजजलालाबाद, सराय सुल्तान आदि गांवों में लोगों ने घरों में रहकर मुहर्रम की दसवीं मनाई।