144 ने किया पुलिस को बेचैन
द्वद्बह्यह्यद्बठ्ठद्द द्दश्रश्रठ्ठह्य द्वद्बह्यह्यद्बठ्ठद्द द्दश्रश्रठ्ठह्य द्वद्बह्यह्यद्बठ्ठद्द द्दश्रश्रठ्ठह्य
हरदोई : 144, पुलिस को यह नंबर कानून व्यवस्था की बेहतरी के लिए याद रहता है। धारा 144 लगाकर पुलिस त्योहार, चुनाव आदि के समय कानून का राज कायम रखती है। अब यही संख्या जिले की पुलिस के लिए बेचैनी का सबब बनी है, क्योंकि इतने अपराधी उसकी रडार से गायब हो गए हैं।
पुलिस थानों में हर अपराधी का डोजियर तैयार कर टॉप 10 की फोटो समेत नोटिस बोर्ड पर चस्पा कराई जा रही है। मंशा यह है कि इसके माध्यम से वो अपराधी आम आदमी की निगाह में बने रहें। इसके लिए अपराधियों की तीन श्रेणी बनाई हैं। अपराध के हिसाब से उन्हें चिह्नित कर श्रेणी एक, दो और तीन में रखा गया है। तीनों श्रेणियों के जिले में कुल 1615 अपराधी चिह्नत किए गए हैं। पुलिस ने उनका सत्यापन कराया तो 1187 तो घर पर मिले, जबकि 288 जेल में बंद। 16 अपराधियों के रिश्तेदारी में जाने की बात सामने आई, लेकिन 144 का कुछ पता ही नहीं चला। उनके घर वालों तक को उनकी जानकारी नहीं है कि वह कहां हैं। घरवालों के मोबाइल नंबरों के आधार पर उनकी जानकारी ली जा रही है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि यह अपराधी जिला छोड़कर भाग गए हैं। पुलिस सभी अपराधियों का डोजियर तैयार कर रही है। इसमें न केवल उनका बल्कि उनके परिवारजनों से लेकर नाते रिश्तेदारों तक का लेखा जोखा रहेगा। किसने उनकी जमानत कराई और कौन उनकी मदद करता है, यह तक पुलिस को पता रहेगा। इसकी सहायता से किसी अपराध में उनका नाम सामने आने पर पुलिस आसानी से उन तक पहुंच सकेगी। त्रिनेत्र की निगाह से नहीं बचेंगे अपराधी
त्रिनेत्र साफ्टवेयर में अपराधियों की हर एंगिल से फोटो अपलोड की जा रही है। नाम पता के साथ ही अपराधी की तीन तरफ से फोटो साफ्टवेयर पर रहेगी। जरूरत पड़ने पर नाम, पता या फोटो कुछ भी मिल जाने पर साफ्टवेयर उनकी पूरी जानकारी दे देगा।
वर्जन-
अपराधियों की हर गतिविधि पर पुलिस की निगाह है। लापता अपराधियों के रिश्तेदारों के भी मोबाइल नंबर पुलिस ने एकत्रित किए हैं। अपराधियों का बराबर सत्यापन कराया जाता है। किसी भी गड़बड़ी पर पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी।
-आलोक प्रियदर्शी, पुलिस अधीक्षक