अब लंबाई एवं ऊंचाई का पोषण में होगा अहम रोल
-अब तक वजनजससे नवजात में रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि होती है।
हरदोई : कुपोषण के चिह्नीकरण में अब वजन के साथ लंबाई एवं ऊंचाई की अहम भूमिका होगी। बच्चों में कद न बढ़ने एवं नाटेपन की समस्या को भी कुपोषण से जोड़ गया है। डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स ग्रुप) मास्टर ट्रेनर डीपीओ बुद्धि मिश्रा ने बताया कि कुपोषण के खात्मा के लिए सभी विभागों को समन्वय से काम करना होगा। गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों में पोषण की श्रेणी चिह्नित किए जाने के लिए वजन के साथ ही अन्य मानक भी शासन ने तय किए हैं। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नई व्यवस्था में प्रशिक्षित किया जाएगा और उसी अनुसार रिपोर्ट तैयार हुआ करेगी।
डीपीओ ने बताया कि सभी परियोजनाओं के बीआरजी (ब्लाक रिसोर्स ग्रुप) सदस्यों के प्रशिक्षण दिलाया जा चुका है। बीआरजी के सदस्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पूरी नई व्यवस्था में प्रशिक्षित करेंगे। बच्चों में पोषण की स्थिति के निर्धारण के लिए अब वजन के साथ ही लंबाई और ऊंचाई को भी नापा जाएगा। 2 साल तक के बच्चों की लंबाई ली जाएगी, जबकि इसके अधिक आयुवर्ग के बच्चों की ऊंचाई नापी जाएगी। बच्चों की लंबाई एवं ऊंचाई नापने का तरीका भी समझाया जाएगा, ताकि किसी भी बच्चे के संबंध में गलत रिपोर्ट तैयार न होने पाए।
बताया कि बच्चों में कद न बढ़ने एवं नाटेपन की शिकायत को गंभीरता से अंकित किया जाएगा। पोषण के मामले में बच्चों का वजन कम होना ही नहीं उनके कद पर भी ध्यान दिया जाना है। गर्भवती महिलाओं एवं उनके अभिभावकों को प्रेरित किया जाएगा कि वह भ्रांतियों को छोड़कर नवजात को मां का स्तनपान जरूर कराएं। जिससे नवजात में रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि होती है।