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यूरिया के अधिक प्रयोग से घट रही भूमि की उर्वराशक्ति

जागरण संवाददाता हरदोई जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है। वर्तमान में 5200 मीट्रिक ट

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 11:35 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 11:35 PM (IST)
यूरिया के अधिक प्रयोग से घट रही भूमि की उर्वराशक्ति

जागरण संवाददाता, हरदोई : जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है। वर्तमान में 5,200 मीट्रिक टन यूरिया का स्टॉक है। इसके अलावा जिले में यूरिया का लक्ष्य बढ़वाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे भविष्य में यूरिया की कोई दिक्कत न हो। किसान अंधाधुंध यूरिया का प्रयोग न करें। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है। किसानों को सिर्फ बोआई के समय यूरिया डालनी चाहिए। इसके बाद प्रति एकड़ चार किलो यूरिया का घोल बनाकर मशीन से फसल पर स्प्रे करें। इससे उत्पादन अच्छा होगा और यूरिया पर होने वाला खर्च कम होगा। किसान कृषि विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण कर सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकते हैं। ये बातें जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार साहू व कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर सीपीएन गौतम ने बुधवार को दैनिक जागरण के प्रश्न पहर कार्यक्रम में सवालों का जवाब देते हुए कहीं। प्रश्न : हमारे पास 16 बीघा खेत है। गेहूं की फसल की बोआई के दौरान क्या करें, जिससे फसल बेहतर हो।

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- पंकज कुमार, तिलोइया, संडीला

उत्तर : गेहूं की बोआई नवंबर के पहले सप्ताह में करनी चाहिए। सबसे पहले गेहूं के बीज का चयन करें। अगर गेहूं घर पर रखा है, तो बीज खरीदने की आवश्यकता नहीं है। उसके स्वस्थ दाने निकालकर बोआई कर सकते हैं। इससे फसल का उत्पादन अच्छा होगा। प्रश्न : बीएससी एजी कर रखा है। उर्वरक, बीज व दवा का लाइसेंस बनवाना चाहते है। लाइसेंस कैसे बनेगा।

- मुनेंद्र यादव, निजामपुर, बिलग्राम

उत्तर : कृषि विभाग की वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट यूपीएग्रीकल्चर डॉट काम

पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नंबर, 10 रुपये के स्टाम्प वाला शपथ पत्र, अगर किराए की दुकान है तो किरायानामा लगाना होगा। इसके अलावा थोक दुकान से अथॉरिटी लेटर व फर्म का जीएसटी बनवाना अनिवार्य है। ऑनलाइन आवेदन करने के उपरांत उसकी एक प्रति जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में जमा करनी होगी। प्रश्न : पपीते के पौधे में फल और फूल आते हैं, जो सूखकर गिर जाते है। इसके लिए क्या कर सकते हैं?

- उदयपाल, जटपुरा, शाहाबाद

उत्तर : सूक्ष्म तत्वों की कमी हो रही है, जिसके कारण पपीते के फल व फूल सूखकर गिरने लगते है। इसके लिए मल्टीन्यूट्रियन का प्रयोग किया जा सकता है। यह बाजार में कई नामों से मिलता है। मल्टीन्यूट्रियन का दो से तीन मिलीलीटर प्रतिलीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव कर सकते है। प्रश्न : कृषि विभाग के माध्यम से कृषि यंत्र की खरीद करनी है, इसके लिए क्या करें?

- विनय सिंह राठौर, गुरसंडा, टड़ियावां

उत्तर : कृषि विभाग की वेबसाइट पर भूमि का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इसके उपरांत ऑनलाइन आवेदन करना होता है। कृषि यंत्र पर अनुदान पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर मिलता है। प्रश्न : मेरी फसल गोवंश चर गए हैं। मैने फसल का बीमा करा रखा है। मुआवजे के लिए आवेदन कैसे करें।

- सुरेश, शाहाबाद

उत्तर : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनांतर्गत इस तरह की फसल में हुई क्षति शामिल नहीं की गई है। किसान को इसमें कोई लाभ नहीं मिलेगा। प्राकृतिक नुकसान होने की स्थिति में किसान 72 घंटे के अंदर टोल फ्री नंबर 18002005142 व 1800120909090 पर शिकायत दर्ज करा सकता है। प्रश्न : धान की फसल में कीड़ा लग गया है। इससे नुकसान हो रहा है।

- दिवाकर, टड़ियावां

उत्तर : इस समय धान की फसल में गंधी कीड़ा लगने की संभावना रहती है। अगर कोई कीड़ा दिखाई देता है तो किसान इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल को तीन मिलीलीटर प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर घोल तैयार कर छिड़काव करें। प्रश्न : तिल की पत्तियों को कीट खा रहा है, जिससे तिल की फसल की बढ़वार रुक गई है।

- रामलाल, बिलग्राम

उत्तर : तिल की फसल में बिहार हेयरी कैटरपिलर कीट लगा हुआ है। यह कीट पत्तियों को बहुत तेजी से खाता है। किसान ट्राइक्लोरोफॉन पांच प्रतिशत डस्ट चार किलोग्राम प्रति एकड़ में छिड़काव करें या फिर ट्राइक्लोरोफॉन 50 प्रतिशत ईसी की दो मिलीलीटर दवा प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें। प्रश्न : गन्ने का उत्पादन कैसे बढ़ाया जा सकता है।

- धीरेंद्र कुमार, बावन

उत्तर : जिले में गन्ने की 0238 वैरायटी अधिक बोई जाती है। इस प्रजाति के गन्ने की बोआई करने के उपरांत जुलाई से अगस्त के बीच लाल सड़न रोग लगने की संभावना रहती है। इसके लिए किसानों को फसल चक्र अपनाने की जरूरत है। किसानों को थायोफिटेर मिथाइल 70 प्रतिशत डब्लूपी की दो ग्राम मात्रा प्रतिलीटर पानी के घोल में चयनित गन्ने को आधे घंटे तक उपचारित कर बोआई करें। इससे गन्ना स्वस्थ रहेगा और उत्पादन अच्छा होगा।

प्रश्न : छिड़काव विधि से गेहूं की बोआई करते हैं, लेकिन उत्पादन अच्छा नहीं हो रहा है।

-गयालाल, रद्धेपुरवा

उत्तर : किसानों को गेहूं की बोआई छिड़काव विधि से करने की बजाय पंक्ति में करनी चाहिए। इससे उत्पादन अच्छा होगा।


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