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मोरंगा से पर्यावरण संरक्षण एवं समाज बनेगा स्वस्थ

हरदोई सब कुछ ठीक-ठाक रहा और केंद्र एवं सूबे की सरकार की मंशा अनुरूप समय से पौधों की उपलब्धता एवं रोपण करा लिया गया तो बच्चों में कुपोषण किशोरियों एवं महिलाओं का बीमारियों से बचाव किया जा सकेगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 11:44 PM (IST)Updated: Sat, 22 Jun 2019 11:44 PM (IST)
मोरंगा से पर्यावरण संरक्षण एवं समाज बनेगा स्वस्थ

हरदोई : केंद्र एवं सूबे की सरकार की मंशा अनुरूप समय से पौधों की उपलब्धता एवं रोपण करा लिया गया तो बच्चों में कुपोषण, किशोरियों एवं महिलाओं का बीमारियों से बचाव किया जा सकेगा। केंद्र सरकार ने इसके लिए हरियाली को बढ़ावा देने के साथ ही स्वस्थ समाज पर ध्यान दिया है। जिले में पर्यावरण संरक्षण के ²ष्टिगत 44 लाख पौधरोपण में मोरंगा (सहजन) को प्राथमिकता दी जाएगी। औषधीय गुणों से भरपूर मोरंगा को योजनाओं एवं कार्यक्रमों के लाभार्थियों के माध्यम से और स्कूलों में प्राथमिकता पर रोपित कराया जाएगा।

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केंद्र सरकार की मंशा पर ग्राम्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि मोरंगा का पौधा लकड़ी के लिहाज से नहीं, बल्कि औषधीय उपयोग से रोपित कराया जाना है। शासन ने पौधरोपण में पर्यावरण संरक्षण के साथ समाज को स्वस्थ बनाने को भी जोड़ा है। मोरंगा में कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है जो रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है। त्वचा, गर्भाशय एवं महिलाओं की अन्य बीमारियों के लिए रामबाण से कम नहीं है।

चार लाख पौध की आवश्यकता : सीडीओ आनंद कुमार ने बताया कि स्कूल परिसर, आवास के लाभार्थी, स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्य को 2-2 पौध निश्शुल्क रोपित करने के लिए लिए जाने हैं। डीएफओ को प्रारंभिक आकलन पर करीब 4 लाख पौध की उपलब्धता कराने को कहा गया है ताकि लाभार्थियों के माध्यम से मोरंगा पौध रोपित कराए जा सकें। सूबे में 59 लाख पौधरोपण का लक्ष्य : प्रमुख सचिव ने कहा कि प्रदेश में 274356 समूह में 2970552 महिला सदस्य हैं। प्रति सदस्य दो-दो पौध के हिसाब से 5941104 मोरंगा पौधा, जबकि जिले में 5770 समूह की 63965 महिला सदस्यों के लिए 127930 पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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