परिषदीय विद्यालयों के जर्जर भवनों का होगा सेफ्टी आडिट
हरदोई : जर्जर विद्यालयों में बच्चों को नहीं पढ़ाया जाएगा। भवनों की प्रधानाध्यापक और खंड
हरदोई : जर्जर विद्यालयों में बच्चों को नहीं पढ़ाया जाएगा। भवनों की प्रधानाध्यापक और खंड शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वह उसे दुरुस्त कराएं। अगर धनराशि का इंतजाम नहीं है तो उसका प्रस्ताव भेंजे। शासन स्तर से मरम्मत होगी। बेसिक शिक्षा निदेशालय से इस संबंध में भवनों की सेफ्टी आडिट कराने का आदेश दिया गया है।परिषदीय विद्यालयों में अभी भी बहुत से ऐसे हैं जोकि जर्जर स्थित में पहुंच गए हैं। जर्जर भवनों को लेकर शासन ने विशेष तैयारियां की है। बेसिक शिक्षा निदेशक ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर कहा कि परिषदीय उच्च एवं प्राथमिक विद्यालयों के जर्जर भवनों का सेफ्टी आडिट कराया जाए और बीएसए यह सुनिश्चित करें कि किसी भी सूरत में असुरक्षित भवनों में बच्चों को न पढ़ाया जाए। विद्यालय भवन की सुरक्षा के लिए संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं खंड शिक्षा अधिकारी को उत्तरादायी बनाया जाए। निदेशक ने साफ कहा कि जो भवन असुरक्षित हैं उनमें कक्षाएं न चलाकर वैकल्पिक व्यवस्था कर ली जाए और जर्जर भवनों की ग्राम पंचायत अथवा स्थानीय स्त्रोतों के माध्यम से तत्काल मरम्मत कराई जाए। अगर ग्राम पंचायत अथवा स्थानीय स्त्रोत मरम्मत नहीं करा पाते हैं तो उसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भिजवाया जाए। शासन स्तर से विद्यालयों की मरम्मत करवाई जाएगी। बीएसए ने बताया कि इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया गया है।