फाइलों में खो गई गंगा की निर्मलता की कार्ययोजना
हरदोई ज्येष्ठ की शुक्ल पक्ष की दशमी यानी गंगा दशहरा (बुधवार को) आज है। मान्यता है कि गंगा दशहरा के खास मौके पर गंगा स्नान से व्यक्ति के 10 तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं।
हरदोई : ज्येष्ठ की शुक्ल पक्ष की दशमी यानी गंगा दशहरा (बुधवार को) आज है। मान्यता है कि गंगा दशहरा के खास मौके पर गंगा स्नान से व्यक्ति के 10 तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं। बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान भी करेंगे। पतितपावनी, पापमोचनी एवं मुक्तिदायनी गंगा अब अपनी अविरला एवं निर्मलता के लिए सरकारी व्यवस्था के आधीन नजर आ रही हैं। केंद्र सरकार के नमामि गंगे के तहत गंगा किनारे के गांवों में सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए पंचायतीराज विभाग से तैयार कराई गई 12 करोड़ 44 लाख 69500 रुपये की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) शासन में जाकर फाइलों में खो गई है। ऐसे में कहने को तो गंगा पूजन और आरती होगी, लेकिन वास्तविकता में गंगा मैली ही रह गई हैं।
नमामि गंगे के तहत वैसे तो प्रदेश के गंगा किनारे के गांवों में सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के कार्य होने हैं। जिले की 13 ग्राम पंचायतों के 17 गांव गंगा किनारे की श्रेणी में चिह्नित हैं। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत गांवों को खुले में शौच मुक्त कराया जा चुका है। घरों से निकलने वाले सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट अभी भी गंगा में प्रवाहित हो रहा है। केंद्र सरकार की ओर से गंगा किनारे के गांवों में सॉलिड एवं लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के कार्य कराने के लिए पिछले वर्ष डीपीआर तैयार कराई गई। डीएम पुलकित खरे का कहना है कि शासन को डीपीआर की स्वीकृति के संबंध में पत्र लिखा जा चुका है। मंडलायुक्त को भी अवगत कराया गया है। इन गांवों में होना है कार्य : डीपीआरओ आलोक सिन्हा ने बताया कि बिलग्राम की कटरी बिछुइया, कटरी परसोला, कटरी छिबरामऊ, मल्लावां की शाहपुर पवार, मंसूरपुर तिगावां, हरपालपुर की मुर्चा, दहेलिया, अरवल, सांडी की मंसूरपुर, तेरापुरसौली, उमरौली जैतपुर, कटरी छोछपुर एवं छोछपुर में कार्य कराया जाना है।
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