पटाखा कारोबार में लोगों के जीवन से खेल रहा सिस्टम
द्घद्बह्मद्ग ष्ह्मड्डष्द्मद्गह्म द्घद्बह्मद्ग ष्ह्मड्डष्द्मद्गह्म द्घद्बह्मद्ग ष्ह्मड्डष्द्मद्गह्म
हरदोई : त्योहारी सीजन के साथ ही पटाखों की डिमांड भी तेजी से बढ़ी है। वैध और अवैध रूप से संचालित पटाखे के इस धंधे में जितनी आमदनी है उससे कहीं ज्यादा खतरे हैं। कस्बों के कई घनी आबादी वाले इलाकों में घरों में अवैध पटाखे बनाने का काम शुरू है। मांग पूरी करने के चक्कर में लाइसेंस धारक भी भारी मात्रा में बारूद का स्टाक कर रखे हैं।
सांडी और बेनीगंज में पटाखा विस्फोट में हुई मौतों की घटना से सबक न लेते हुए प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। जिले के कस्बों में नियमों को ताख पर रखकर पटाखा बनाने का काम तेजी से चल रहा है। इनमें सर्वाधिक निर्माण सांडी, बेनीगंज, गोपामऊ, टड़ियावां, बिलग्राम, संडीला, शाहाबाद में हो रहा है। जिसमें अधिकतर चोरी छिपे चलता है। इतना ही नहीं कस्बों में छोटे स्तर पर कई घरों में पटाखे बनाए जाते हैं। इस तरह से जिले में कुल 50 स्थानों पर पटाखे फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं, लेकिन इनकी आड़ में कारोबारियों ने इस समय पर अधिक धन कमाने के चक्कर में मानकों को ताख पर रख दिया है। जिनके पास लाइसेंस हैं भी, उनके यहां भी सुरक्षा संबंधी उपाय नदारद हैं। आतिशबाजी निर्माण के लिए कारोबारियों ने भारी तादाद में बारूद एकत्र कर ली है। ये हो रहा खेल
- बगैर किसी मापक यंत्र के विस्फोटक सामग्री का मिश्रण
- 18 से कम उम्र के व्यक्ति काम करने वालों शामिल
- फैक्ट्री संचालक परिवारजन से ही कराते है काम
- लाइसेंस की क्षमता से अधिक विस्फोटक कर रहे एकत्र
- सुरक्षा के इंतजामों से कोसों दूर है संचालक यह होने चाहिए मानक
- आबादी से कम से कम 50 मीटर दूरी पर फैक्ट्री
- पटाखे फैक्ट्री के आसपास आग लगने की नहीं हो संभावनाएं
- स्थलों पर अग्निशमन यंत्र, पानी, बालू का हो इंतजाम
- लाइसेंस की क्षमता पर ही एकत्र किया जाए विस्फोटक
- सूर्य की रोशनी में ही पटाखों का किया जाए निर्माण बोले जिम्मेदार : एसपी आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि मानकों को ताक पर रखकर फैक्ट्री संचालित नहीं होने दी जाएगी। आबादी के बीच में चोरी चुपके हो रहे पटाखा निर्माण पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।