नई व्यवस्था से एडेड विद्यालयों के सामने वित्तीय संकट
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हरदोई : शासन की ओर से शुचितापूर्ण बोर्ड परीक्षा कराने के लिए विगत तीन वर्षों से लगातार सुधार किए जा रहे हैं। इसके तहत सीसी कैमरा, वॉयस सीसी कैमरा और अब वेबकास्टिंग की व्यवस्था कराई जा रही है। मगर इन विद्यालयों में शासन से कोई मद नहीं आता। विद्यार्थियों के शुल्क से ही विद्यालय में विकास कार्य होते थे। मगर कक्षा एक से आठ तक शुल्क समाप्त कर दिया गया और कक्षा नौ से 12 तक का शुल्क भी काफी कम है। इससे इन विद्यालयों में व्यवस्थाओं के लिए दूसरे मदों से पैसा खर्च किया जा रहा है। इससे इन विद्यालयों में वित्तीय संकट खड़ा हो गया है। विद्यालय के जहां विकास कार्य ठप हो गए हैं वहीं अन्य संसाधनों की भी कमी हो रही है। इससे शिक्षक व विद्यार्थियों दोनों को ही समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबद्ध जिले में 620 विद्यालय हैं। इनमें से 54 राजकीय, 71 अशासकीय सहायता प्राप्त और शेष वित्त विहीन विद्यालय शामिल हैं। शासन की ओर से बोर्ड परीक्षा में शुचिता लाने के लिए सभी विद्यालयों में सीसी कैमरा लगाने की अनिवार्यता शुरू की गई थी। जिस पर प्रत्येक विद्यालय में 80 हजार रुपये के करीब व्यय किए गए। राजकीय विद्यालयों को राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत अनुदान दिया जाता है। मगर एडेड विद्यालयों में कोई बजट नहीं होता है। इससे विद्यालय की ओर से शुल्क मद में जमा धनराशि से कैमरे लगवाए गए। फिर उन कैमरों में वॉयस डिवाइस लगाने की अनिवार्यता कर दी गई। जिस पर विद्यालयों को डेढ़ लाख रुपये तक व्यय करने पड़े। इसके बाद वर्तमान शिक्षा सत्र की परीक्षा के लिए वेबकास्टिग की व्यवस्था की गई है। इसके लिए ब्राडबैंड कनेक्शन लेने के अलावा डिवाइस लगाई जानी है। इस खर्च को लेकर लोग असमंजस में हैं। डीआइओएस वीके दुबे ने बताया कि विद्यालय के मद में जो भी धनराशि है उसका उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रति विद्यालय ये हो रहा व्यय
सीसी कैमरा - 80 हजार लगभग
सीसी कैमरा विद वॉयस रिकार्डर -1.50 लाख लगभग
वेबकास्टिग -1.50 से दो लाख लगभग
ये है शुल्क
ट्यूशन शुल्क - 1 रुपया
क्रीड़ा शुल्क -5 रुपया
विकास शुल्क -10 रुपया
रेडक्रास शुल्क - 2 रुपया
(प्रति छात्र प्रतिमाह) ढाई रुपये में करानी होती परीक्षा : बोर्ड परीक्षा के लिए विद्यालय में संसाधन उपलब्ध कराने की अनिवार्यता कर दी गई है और उसके लिए मद भी नहीं दिया गया है। वह विद्यालय की ओर से कराया जा रहा है। मगर बोर्ड, परीक्षा कराने के लिए मात्र 2.50 रुपये प्रति छात्र की दर से धनराशि देता है। वह भी समय से आता नहीं है।