अब व्यापारियों को बताना होगा कहां नष्ट किया ई-कचरा
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हरदोई : ई-कचरा नियंत्रण को विशेष योजना बनाई गई है। अब इलेक्ट्रिकल्स व इलेक्ट्रानिक उपकरण बेचने वाले व्यापारियों को अब ई- कचरे के विषय में जानकारी देनी होगी कि उनके प्रतिष्ठान से निकले ई- कचरे का निस्तारण किस प्रकार और कहां कराया। पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड ने जिले के ऐसे सभी व्यापारियों की वाणिज्य कर विभाग से सूची तलब की है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ई-कचरे के निस्तारण के लिए संस्थानों को अधिकृत किया है। वहीं पर ई-कचरे का निस्तारण किया जा सकता है। जिले में ई- कचरा निस्तारण के लिए कोई इकाई नहीं लगी है और न ही इलेक्ट्रानिक उपकरणों का उत्पादन होता। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अब जिले में ऐसे सभी व्यापारियों की सूची वाणिज्य कर विभाग से तलब की है। जो इलेक्ट्रानिक व इलेक्ट्रिकल्स उपकरणों की बिक्री करते है। इन सभी व्यापारियों को बोर्ड से ओर से सूची जारी कर ई- कचरा निस्तारण की जानकारी ली जाएगी। ई-कचरा प्रबंधन के नियमों की अनदेखी करने पर जेल भी जाना पड़ता सकता है और एक लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यह पड़ता दुष्प्रभाव : ई-कचरे से लेड, शीशे के केबल, हेक्सावेलेट क्रोमियम, बेरियम, बेरीलियम जैसे खतरनाक रसायन निकलते हैं जो मिट्टी के माध्यम से भूमिगत पानी को दूषित करते है। इसके साथ वायु और मिट्टी का प्रदूषण भी हो रहा है। यह है ई - कचरा : मोबाइल, बैटरी, चार्जर,तार, कंप्यूटर के पार्ट्स सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक सामान, रेडियो, टेलीविजन आदि ई कचरा में आते है।
बोले जिम्मेदार-
ई कचरा निस्तारण की अभी कानपुर में इकाई लगी है। जिले में अभी ई-कचरा निस्तारण के लिए कोई इकाई नहीं है और न ही किसी इलेक्ट्रानिक उपकरण का उत्पादन किया जाता है। अभी सभी व्यापारियों की सूची मांगी गई है। उसी के आधार पर सभी को नोटिस जारी कर ई-कचरा निस्तारण के विषय में जानकारी ली जाएगी। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी
विमल कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी,
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उन्नाव