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गंगा में जल स्तर बढ़ने से मक्कूपुरवा के एक दर्जन मकान कटे

गंगा के कटान से कयी घर पानी में समाए।

By JagranEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 11:01 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 06:03 AM (IST)
गंगा में जल स्तर बढ़ने से मक्कूपुरवा के एक दर्जन मकान कटे
गंगा में जल स्तर बढ़ने से मक्कूपुरवा के एक दर्जन मकान कटे

बिलग्राम: गंगा में पानी बढ़ते ही बिलग्राम के कटरी क्षेत्र के कई गांवों में संकट आ गया है। ग्राम पंचायत कटरी परसोला के मक्कूपुरवा में एक दर्जन लोगों के घर कट गए हैं। कुछ पक्के मकान हैं, जिन्हें ग्रामीण खुद तोड़कर ईट, सरिया आदि बचाने का प्रयास कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि हर साल वह यही झेल रहे, पानी बढ़ते ही उनके ऊपर संकट आ जाता है। जिन मकानों को वह खुद बनाते हैं उन्हें अपने हाथों से ही तोड़ना पड़ता है।

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ग्राम मक्कूपूरवा गंगा के मुहाने पर बसा हुआ है। बीत 10 वर्ष से चार बार कट चुका है। इस गांव मे बने परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय का भवन गत वर्ष गंगा में समाहित हो चुका है। लगभग आधा किलोमीटर तक गंगा अपना स्थान बदलकर आगे बढ़ चुकी है। कटने पर लोग पीछे हट कर घर बना लेते हैं। इस बार फिर इस गांव के लोगों पर पानी की आफत आ गई है। ग्राम प्रधान पति राजेश कुमार ने बताया कि पानी बढ़ने से गांव निवासी बसंत लाल, राम नरायन, दिनेश, अच्छेलाल, कैलाश, लक्षमन, राधे, सुनील, राम खिलावन, भगवानदीन, बनवारी, श्रीकृष्ण तथा बटेश्वर आदि के घर कट गए हैं। घरों के गिरने का यह सिलसिला पिछले चार पांच दिनों से चालू है। मंगलवार तक कई लोगों ने अपने पक्के घर स्वयं तोड़ डाले। उसमें लगी ईंटें निकालकर ऊंचाई वाली जगहों पर पहुंचा दी हैं। उनको इसी बात पर संतोष है कि कम से कम ईंटें ही बच जाएंगी। जिनसे आगे रहने के लिए कुछ बना लिया जाएगा। कुछ दिन पहले गंगा मे पानी बढ़ा था जो अब स्थिर है लेकिन गंगा की धार सीधे गांव पर ही आकर टकरा रही है। जिसके कारण इस गांव मे बिना बाढ़ के ही बाढ़ जैसे हालात बन गये हैं। गांव वालों की माने तो राजघाट पर कटान रोकने के लिए लगायी गयी बालू की बोरियों के बाद गंगा का रुख तेजी से इस गांव की ओर हो गया है। जिसके कारण गांव गंगा धारा की चपेट में आ गया है।


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