मच्छरों का प्रकोप, फैल रहीं बीमारियां
हरदोई : बरसात में बीमारियों की बाढ़ सी आ जाती है। सबसे अधिक बीमारियां मच्छरों से होत
हरदोई : बरसात में बीमारियों की बाढ़ सी आ जाती है। सबसे अधिक बीमारियां मच्छरों से होती है और यह बीमारियों के वाहक भी बनते हैं। मच्छरों से प्रमुख बीमारियों में मलेरिया बुखार और डेंगू है। वैसे तो जेई, फाइलेरिया और चिकनगुनिया भी मच्छरों से फैलता है लेकिन सबसे ज्यादा प्रकोप मलेरिया और डेंगू का होता है जोकि जल भी रहा है। देखा जाए तो गांवों में मौत का सिलसिला जारी है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग बीमारियां फैलने का इंतजार करता है। जहां पर बीमारियां फैलती हैं वहीं पर बचाव शुरू हो जाता है। संडीला क्षेत्र में बीमारी फैली है तो पूरे जिले की नजर उधर चली गई है, जबकि अन्य क्षेत्रों में भी रोजाना मौत हो रहीं हैं। अहिरोरी, टोडरपुर, लोनार क्षेत्र में पिछले 15 दिनों में कई की मौत हो गई। गांव में जाकर दवा बांट दी गई। न सफाई होती है और न ही मरीजों की जांच कराई गई। संक्रामक रोग नियंत्रण के नोडल अधिकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. स्वामी दयाल बताते हैं कि बुखार में मरीजों को सावधानी बरतनी चाहिए और लक्षण के अनुसार चिकित्सक के पास पह ंचकर दवा लें। मलेरिया के लक्षण : तेज बुखार, सर्दी और कपकपी, मांसपेशियों में दर्द, थकान, जी मिचलाना, उल्टी-दस्त।
डेंगू के लक्षण : तेज बुखार, मांसपेशियों एवं जोड़ों में असहनीय दर्द, सिर दर्द, आंखों के प छे दर्द, जी मिचलाना, उल्टियां, दस्त, त्वचा पर लाल रंग के दाने होना आदि बुखार के लक्षण हैं। चिकनगुनिया के लक्षण : शरीर में वायरस के पूरी तरह से फैल जाने पर जोड़ों में तेज दर्द शुरू हो जाता है, आम तौर पर बीमारी के दो से पांच दिन के भीतर धब्बेदार दाने दिखने लगते हैं। कुछ रोगियों की आंखों में संक्रमण होता है। साथ ही आंखों में थोड़ा सा खून का रिसाव होने लगता है। मलेरिया और डेंगू का उपचार एवं बचाव
1--मच्छर जनित रोगों से बचाव करें। डेंगू को फैलाने वाला मच्छर रुके हुए साफ पानी में पनपता है। ध्यान रखें कि घर के आसपास पानी न जमा हो। कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों और पशुओं के पानी पीने के बर्तन, फ्रिज की ट्रेन, फूलदान, टायर, डिस्पोजिल गिलास, प्लेट्स दोने आदि ढककर रखें।
2- प्रत्येक सप्ताह कूलर का पानी निकाल कर अच्छे से सुखाकर पानी डालें।
3- डेंगू का मच्छर दिन में काटता ह , ऐसे कपड़े पहने जोकि पूरे बदन को अच्छी तरह से ढके।-4- डेंगू बीमारी के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है। बुखार उतारने के लिए पैरासीटामोल लें सकते हैं। एस्प्रिन या आईब्रो फिन का प्रयोग अपने आप बिल्कुल न करें।
5- निकटतम सरकारी अस्पताल में जाएं और निशुल्क जांच कराएं, बिना डाक्टर की सलाह के दवा न लें। चिकनगुनिया का बचाव कैसे करें : इस बुखार का कोई ठोस इलाज नहीं है। इसके डाक्टर जागरूक और सतर्क रहने की सलाह देते हैं। चिकनगुनिया में जोड़ों में बहुत तेज दर्द होता है, जिसके चलते डाक्टर दर्द निवारक और बुखार रोधी दवाएं देती हैं। तुलसी है घरेलू औषधि
चिकित्सक बताते हैं कि तुलसी किसी आयुर्वेदिक औषधि से कम नहीं होती है। साथ ही इसका सेवन जब काली मिर्च के साथ करते हैं तो यह अपने आप एंटी बैक्टेरियल गुणों के कारण प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है, जिससे ऊर्जा मिलती है। साथ ही धीरे-धीरे डेंगू की समस्या से आराम मिलता है।