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सड़कें दे रहीं दर्द, सो रहे हमदर्द

हरदोई सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के अभियान चले पर सड़कों के जख्म दूर नहीं हो सके।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 11:06 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 06:03 AM (IST)
सड़कें दे रहीं दर्द, सो रहे हमदर्द

हरदोई : सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के अभियान चले पर सड़कों के जख्म दूर नहीं हो सके। बदहाल और जर्जर सड़कें दर्द बांट रही हैं, जो हमदर्द होने का दावा कर रहे हैं वह सो रहे हैं। जिले में देखें तो अधिकांश संपर्क मार्ग व मुख्य मार्ग जर्जर हो गए हैं। उन पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी दूभर है। हरपालपुर क्षेत्र की कई सड़कें जर्जर हालत में हैं। जिन पर कई वर्षों से मरम्मत का कार्य नहीं कराया गया है। हरपालपुर से बड़ागांव मार्ग, चौसार श्रीमऊ मार्ग, पलिया-बेडीजोर मार्ग, इकनौरा हाईवे से बरनई रोड, लमकन हाईवे से भदार रोड हालत बहुत खराब है। इन पर पैदल चलना दूभर है। गोपामऊ में पिहानी मार्ग प्रधानमंत्री संपर्क मार्ग योजना से बने 5 साल हो गए, लेकिन इस पर मरम्मत आज तक नहीं हुआ। इससे इस मार्ग पर चलना दूभर है। कछौना के दलेलनगर से उसरहा मार्ग की 6 माह पहले ही मरम्मत हुई थी। इस मार्ग से 24 घंटे डंपरों से मिट्टी खनन होता है। औद्योगिक क्षेत्र फेस 2 सहित अन्य जगहों को खनन कर मिट्टी जाती है। जिससे मार्ग पर पैदल तक नही निकला जा सकता है। संडीला में उन्नाव मार्ग ग्राम बेहसरिया के पास जर्जर हो गया है। इस पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। जिससे इस पर चलना दूभर है। बघौली में बघौली-प्रतापनगर मार्ग की मरम्मत 2014-15 में हुई थी। इसके बाद इसकी सुध नहीं ली गई। जिससे इस मार्ग पर चलना दूभर हो रहा है। हरियावां में बस स्टाप से कस्बा तक जर्जर हो गया है। इस पर वाहन दूर पैदल निकलना भी मुश्किल है। इस मार्ग पर विकास खण्ड कार्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, डाक घर, पशु चिकित्सालय, बाल पुष्टाहार, कार्यालय समेत कई विद्यालय स्थित है। यह मार्ग दर्जनों गांव का मुख्य संपर्क मार्ग है। बावन में हरदोई-सवायजपुर मुख्य मार्ग से बाबा आदिनाथ संपर्क बावन विगत कई वर्षों से जर्जर हो गया है। इस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। स्लिप डिस्क की बढ़ रही बीमारी

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गड्ढा और जर्जर सड़कों से बीमारियां पैदा हो रही हैं। जिला अस्पताल के अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. जीके महेश्वरी बताते हैं कि ऐसी सड़कों पर सबसे ज्यादा बीमारियां दो पहिया वाहन चालकों को होती हैं। जिसमें स्लिप डिस्क, लो-बैक, सर्वाइकल आदि बीमारियां हो जाती हैं। दो पहिया वाहनों पर सीधे झटके लगते हैं जिससे जोड़ों की बीमारियां हो जाती हैं और धीरे धीरे गंभीर परेशानी का रूप धारण कर लेती हैं। अस्पताल में काफी संख्या में ऐसे मरीज आते हैं जिन्हें उपचार के दौरान पता चलता कि वह ऐसी सड़कों पर चलते हैं। चार पहिया वाहन चालकों को भी बीमारियां पैदा होती हैं।


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