Move to Jagran APP

जागरण चुनावी चौपाल: हरदोई नगर पालिका सीमा का हो विस्तार तो खुले विकास का द्वार

बेड़ियों में कैद आजादनगर के लोग बोले किसका नाम ले हमे हर किसी ने मारा। पानी की टंकी बनी पर पानी नहीं बिजली का बिल शहर का आपूर्ति गांव वाली।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 06:16 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 06:16 PM (IST)
जागरण चुनावी चौपाल: हरदोई नगर पालिका सीमा का हो विस्तार तो खुले विकास का द्वार
जागरण चुनावी चौपाल: हरदोई नगर पालिका सीमा का हो विस्तार तो खुले विकास का द्वार

हरदोई, जेएनएन। कहने को तो शहर है मुहल्ले हैं, लेकिन स्थिति अति पिछड़े गांव से भी बदतर है। न सड़क है, न नालियां। बांस बल्लियों पर बिजली के तार झूलते रहते हैं। आजादनगर के लोग तो बरसात में घरों में कैद हो जाते हैं। कन्हईपुरवा, आशानगर, भट्ठापुरवा, प्रगतिनगर मुहल्लों का भी यही हाल है। ऐसा नहीं कि जिम्मेदार जानते नहीं हैं। सब जानते हैं और देखते भी हैं पर अफसोस की बात हजारों लोगों को प्रभावित करने वाला यह बड़ा मुद्दा अछूता है। मुहल्ले भले ही हरदोई शहर के हैं, लेकिन हरदोई देहात की सीमा में आते हैं।

loksabha election banner

मुहल्ला वासी न जाने कितनी मांग, धरना प्रदर्शन कर चुके हैं। हर बार उन्हें मिला तो केवल आश्वासन। बच्चे सुनते सुनते बड़े हो गए। बुुजुर्गों की तो आंखे पथरा गईं। सड़कें- नालियां कब बनेंगी। नरकीय जीवन से कब मुक्ति मिलेगी, हजारों लोगों को इसका इंतजार है। विकास के इस मुद्दे को लेकर दैनिक जागरण ने शनिवार को आजादनगर में चौपाल लगाई।

चौपाल में लोग विकास के मुद्दे पर खुलकर बोले।..कहा कि एक से शिकायत नहीं है। कई दशक से मुद्दा चला आ रहा है। जनप्रतिनिधि आए और चले लेकिन, विकास की तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। शाहजहांपुर का सीमा विस्तार होकर नगर निगम बन गई, लेकिन वर्षों से सीमा विस्तार की फाइल बाहर नहीं आ सकी। करीब एक घंटे तक चली चौपाल का..शायराना अंदाज में सोंचा था कि उनकी शिकायत इनसे कहेंगे, लेकिन वह उनका ही चाहने वाला निकला के साथ समापन हो गया।

चौपाल की वीडियो देखने के ल‍िए यहां क्‍ल‍िक करें:https://youtu.be/SJl15w7bHKk

हरदोई देहात दशकों के विकास की राह देख रहा है। शहर से जुड़े देहात में आने वाले मुहल्लों में विकास को लेकर दैनिक जागरण की तरफ से समस्याआें की बेड़ियों से जकड़े आजादनगर में चुनावी चौपाल लगाई गई। पानी की टंकी उनके मुहल्ले में बनी, पर पानी की आपूर्ति उन्हें नहीं। सड़कें उनकी खोदी गईं, लेकिन सप्लाई उन्हें नहीं। बिजली का बिल शहर का पड़ता, लेकिन आपूर्ति देहात की मिलती।

बरसात में लोग घरों में कैद हो जाते, एक एक कर लोगों का गुस्सा सामने आने लगा। वह किसी एक से नाराज नहीं थे, उनका कहना था कि जो आया, आश्वासन देकर चला गया। फिर मुड़कर नहीं देखा। शिक्षक ललित शुक्ला ने सिस्टम को घेरा। न जाने कितना आंदोलन हुआ पर किसी ने मुड़कर नहीं देखा। अधिवक्ता अनूप दीक्षित जल निकासी का मुद्दा उठाया, उनकी बात खत्म होती उसके पहले ही शिक्षक राजीव शुक्ला खड़े हो गए। बोले आखिर हरदोई का सीमा विस्तार कब होगा। कहा कि नेता समस्याओं को बढ़ाते हैं ताकि वह उनके लिए चुनावी मुद्दा बन जाएं। अधिवक्ता शैशव त्रिपाठी ने पानी की टंकी का मुद्दा उठाया।

ग्राम विकास अधिकारी राजवीर सिंह यादव ने नाला का मामला उठाया। दुर्गेश गुप्ता शिकायतों की फाइल लेकर आए थे, बोले शिकायत करते करते परेशान हो गए लेकिन किसी ने देखा तक नहीं कागजों पर निस्तारण हो जाता है। सुधीर त्रिपाठी, मुकेश पांडे, आशीष शुक्ला, आनंद प्रताप, राकेश अग्निहोत्री, आशीष चौहान संजय सिंह, अरविंद त्रिपाठी समेत काफी संख्या में लोगों ने मुद्दों पर विचार रखे। सेवानिवृत्त फौजी विश्वनाथ मिश्रा ने सोचा था कि इनसे करेंगे उनकी शिकायत.....समापन हो गया। चौपाल का संचालन शिक्षक श्याम जी गुप्ता ने किया। चौपाल में संदीप अवस्थी, गोपाल गुप्ता, मनीष मिश्र, राममूर्ति आदि मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.