पटाखा नहीं यह है मौत का कारोबार
ष्ह्मड्डष्द्मद्गह्मह्य द्धश्रड्डह्मस्त्रद्बठ्ठद्द ष्ह्मड्डष्द्मद्गह्मह्य द्धश्रड्डह्मस्त्रद्बठ्ठद्द ष्ह्मड्डष्द्मद्गह्मह्य द्धश्रड्डह्मस्त्रद्बठ्ठद्द
हरदोई : दीपावली का त्योहार करीब है। आतिशबाजी के साथ पटाखा कारोबार अपने चरम पर पहुंच रहा है। पिछले कुछ सालों से यह कारोबार मौत का कारोबार साबित हुआ है। जिले के सांडी और बेनीगंज में हुए इस अवैध कारोबार में कई जानें चली गई तो कई जिदगी हादसे में खराब हो गई। घटना के शिकार परिवार आज भी इस कारोबार को कर रहे हैं
सांडी में पटाखा बनाने में गई थी चार की जान : पटाखा बनाने में सांडी कस्बा काफी मशहूर था। अप्रैल 2012 में खिड़किया मुहल्ले के खुर्शेद अली के घर में पटाखा बनाने का काम करते थे। अचानक विस्फोट हुआ तो धमाके के साथ धुएं के गुब्बार में खुर्शेद की पत्नी व दो बच्चों समेत चार की मौत हो गई थी, लेकिन इनके यहां आज भी पटाखा का कारोबार हो रहा है। अख्तर बानो के परिवार ने छोड़ा कारोबार : अख्तर बानो के पति अली हुसैन पटाखा बनाने का काम करते थे। 25 वर्ष पूर्व पटाखा बनाते समय घर में विस्फोट हो गया था। जिसमें एक मजदूर की मौत हो गई थी। इसके बाद अली हुसैन की मौत हो गई और अख्तर बानो ने लाइसेंस डीएम कार्यालय में जमा कर दी और उनके पुत्र मजदूरी कर परिवार चला रहे हैं। बेटी की मौत के बाद पटाखा बनाने से किया तौबा : बेनीगंज के प्रतापनगर चौराहा पर 24 मई 2019 को पटाखा बनाते समय विस्फोट हुआ था। जिसमें नूर मोहम्मद की पुत्री की मौत हो गई थी तथा पूरा मकान ध्वस्त हो गया था। इसके बाद से नूरमोहम्मद ने पटाखा बनाने का काम बंद कर दिया और अब बने हुए पटाखे लाकर बेचते हैं।
जांच अभियान शुरू : दीपावली के त्योहार को लेकर फायर ब्रिगेड विभाग ने तैयारियां पूरी कर कमर कस ली हैं। जिले में अवैध पटाखा कारोबार पर नजर गड़ाए हैं। वैध लाइसेंस वालों को ही दुकान लगाने की इजाजत हैं। शहर से लेकर देहात तक के बाजार में पटाखा के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही एसडीएम के नेतृत्व में जांच टीम बनाई गई है। जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की पटाखा दुकान की जांच कर रही है।