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अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा, अभी और गिरेगा पारा

- दो दिन में न्यूनतम तापमान चार डिग्री तक पहुंचने का अनुमान सर्दी से परेशान लोग अपने अपने तरीके से बचाव करते दिख रहे

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 10:18 PM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 10:18 PM (IST)
अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा, अभी और गिरेगा पारा

हरदोई : सर्दी का सितम जारी है और अभी दो दिन और इससे राहत मिलने की संभावना नहीं दिख रही है। बुधवार की रात सबसे निचले स्तर पर तापमान पहुंच गया। इस सीजन में सबसे कम पांच डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड किया गया और इसके अभी और गिरने की बात बताई जा रही है। सर्दी से परेशान लोग अपने अपने तरीके से बचाव करते दिख रहे हैं।

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गुरुवार को पूरे दिन सूरज के दर्शन नहीं हुए। बुधवार की रात तापमान इस सीजन में सबसे निचले स्तर पर पांच डिग्री तक पहुंच गया। वहीं दिन का तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। पूरे दिन आसमान पर बादल छाए रहे। सुबह कोहरे के कारण विजिबिलिटी 200 से तीन सौ के बीच रही। वहीं छह किमी की रफ्तार से सर्द हवाएं चलती हैं। पूरे दिन लोगों ने सर्दी से बचने के लिए आग का सहारा लिया। सुबह कोचिग जाने वाले बच्चों को भी सर्दी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा। विभागों में भी लोग सर्दी के बचाव के लिए विभिन्न संसाधनों को प्रयोग करते नजर आए। वेधशाला प्रभारी आरसी वर्मा ने बताया कि तापमान में और गिरावट आ सकती है। अगले दो दिन में दिन का तापमान जहां 10 डिग्री तक पहुंच सकता है। वहीं रात का तापमान चार डिग्री तक पहुंच सकता है। लोगों को दो दिन सर्दी से राहत नहीं मिलेगी। इसके साथ ही बारिश की भी संभावना बन रही है।

कोहरे में खतरे का सबब न बन जाएं बैरियर: हरदोई : शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात को नियंत्रित करने और भारी वाहनों को रोकने के लिए बैरियर लगाए जाते हैं जो कोहरे में हादसे का सबब बन जाते हैं।

यातायात पुलिस की ओर से यातायात को डायवर्ट करने के लिए बैरियर लगाए गए हैं। दिन में इन्हें रखकर रास्ते को बंद कर दिया जाता है, ताकि वाहन शार्टकट न ले सकें। रात में इन्हें सड़क पर या किनारे पर छोड़ दिया जाता है। बड़ा चौराहा, तिकुनिया पार्क, पिहानी चुंगी, बिलग्राम चुंगी के साथ ही कस्बों में भी बैरियर लगे हुए हैं, हर जगह यही स्थिति है। इन बैरियर पर पुलिस ने रेडियम की पट्टी भी नहीं लगाई है। घना कोहरा होने पर ये बैरियर नजदीक पहुंचने पर ही नजर आते हैं। इससे हादसे की आशंका बनी रहती है। सड़कों के किनारे भी कहीं ऐसे चेतावनी बोर्ड नहीं लगवाए गए हैं, जिससे वाहन चालकों को रास्तों पर अवरोधकों का अंदाजा हो सके।


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