साढ़े पांच हजार बच्चों के जूते फर्म को वापस भेजे
ष्द्धद्बद्यस्त्रह्मद्गठ्ठह्य द्यद्बद्घद्ग द्बठ्ठ स्त्रड्डठ्ठद्दद्गह्म ष्द्धद्बद्यस्त्रह्मद्गठ्ठह्य द्यद्बद्घद्ग द्बठ्ठ स्त्रड्डठ्ठद्दद्गह्म ष्द्धद्बद्यस्त्रह्मद्गठ्ठह्य द्यद्बद्घद्ग द्बठ्ठ स्त्रड्डठ्ठद्दद्गह्म ष्द्धद्बद्यस्त्रह्मद्गठ्ठह्य द्यद्बद्घद्ग द्बठ्ठ स्त्रड्डठ्ठद्दद्गह्म
हरदोई: चलो कुछ तो जिम्मेदारों को दिखा। विद्यालयों में बच्चों के जूतों में गड़बड़ी का दैनिक जागरण ने मामला उठाया तो अधिकारियों ने बच्चों के साइज में छोटे बड़े और एक पैर वाले जूतों की तलाश कराई। हालांकि हजारों की संख्या में ऐसे जूते बताए जा रहे हैं, लेकिन विभाग को 5500 बच्चों के जूतों में अंतर मिला। जिन्हें विद्यालयों से मंगाकर फर्म को वापस भेजा गया है। अध्यापकों का कहना है कि अभी भी काफी जूतों में गड़बड़ी है।
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को वितरित किए गए जूतों में काफी गड़बड़ी थी। जिले के 2855 प्राथमिक और 1027 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले चार लाख 66 हजार 395 बच्चों को जूते का वितरण किया गया। जिसमें कहीं किसी को छोटे किसी को बड़े, बहुतों को एक ही पैर के दोनों जोड़ी तो लड़कों को लड़कियों के जूते दे दिए गए। जिसके चलते बच्चे नंगे पैर आने को मजबूर हो गए। जिम्मेदार भी इस पर पूरी तरह से पर्दा डाले रहे। दैनिक जागरण ने पूरा खेल उजागर किया। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश पर खंड शिक्षा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई तो 5500 बच्चों को जूतों में अंतर बताया गया। जिला समन्वयक हरिपाल ने बताया कि विकास खंडों से आई रिपोर्ट के अनुसार विवरण सहित फर्म को जूते वापस भेज दिए गए हैं और सही नाप के आने पर बच्चों को वितरित किए जाएंगे।
पिहानी में मिले एक पैर के जूते
बच्चों को एक पैर के काफी संख्या में जूते आए थे, लेकिन जांच में नाम मात्र बताए गए हैं। जो रिपोर्ट आई है, उसके अनुसार केवल पिहानी विकास खंड में एक ही पैर के जूते पहुंचे थे। जिन्हें वापस कर दिया गया है।