घर बैठे मोबाइल से अभिभावक देख सकेंगे स्कूल बसों के बच्चे
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हरदोई : अब स्कूली बसों को लेकर अभिभावकों को टेंशन नहीं रहेगा। घर बैठे वह मोबाइल से बच्चों की गतिविधियां देख सकेंगे। एक सितंबर से नया नियम लागू हो जाएगा। बसों में लाइव सर्विलांस सीसी कैमरे लगाए जाएंगे। जोकि विद्यालयों से जुड़े रहेंगे। विद्यालय की वेबसाइट पर जाकर अभिभावक बसों से जुड़कर देख सकेंगे। नए नियम के तहत बसों में सीसी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा।
विद्यालय भेजने के बाद माता पिता को बच्चों की चिता सताती रहती है। बसों में हुईं दुर्घटनाओं और कई स्थानों पर सामने आए अमानवीय व्यवहार को देखते हुए सरकार ने नए नियम बनाए हैं। पहली सितंबर से यह नियम लागू हो जाएगा। इससे पहले पंजीकृत स्कूल बसों में सारी सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग के अधिकारियों को सौंपी गई है। बसों में सीसी कैमरे लगाने होंगे, जिससे स्कूल प्रबंधक, जिला प्रशासन व अभिभावक अपने मोबाइल पर देख सकेंगे कि बच्चे बस में क्या कर रहे हैं। इसके अलावा जीपीएस आधारित ट्रैकिग सिस्टम लगाया जाना है। इसके माध्यम से बस की लोकेशन की जानकारी ली जा सकेगी। ये करने होंगे इंतजाम : सीट की ऊंचाई कम रखनी है। बच्चों के उतरने व चढने के लिए तीन सीढ़ी की व्यवस्था की जाएगी बस में अग्निशमन यंत्र, चिकित्सकीय बॉक्स अनिवार्य होंगे बैग रखने की भी व्यवस्था होगी, गति पर नियंत्रण करने के लिए स्पीड कंट्रोलर लगेगा। 170 बसों में जाते हैं 6800 बच्चे: जिले में वैसे तो 580 स्कूली वाहन हैं। जिसमें 170 बसें हैं। स्कूली बसों और वाहनों में 6800 बच्चे जाते हैं। स्कूल वाहनों की जांच के लिए टीम बनाई जा रही है। जोकि भौतिक सत्यापन करेंगी। ऐसे देख पाएंगे अपने बच्चे : स्कूल बसों में लगा कैमरा मोबाइल नेटवर्क के जरिए वीडियो सीधे स्कूल के सर्वर पर भेजेगा। स्कूल प्रबंधन सर्वर से बस के अंदर बैठे बच्चों को देख पाएंगे। अभिभावक स्कूल की वेबसाइट पर जाकर आनलाइन स्कूल बस सीसी कैमरे पर क्लिक करेंगे और सिस्टम के मांगने पर स्कूल बस का नंबर डालेंगे। उसके बाद मोबाइल पर स्कूल बस में सवार अपने लाडले को देख पाएंगे। परिवहन विभाग अधिकारियों को शासन से आदेश मिले हैं। नए नियम के अनुसार उपकरण लगाने व अन्य इंतजाम पूरे करने के लिए नोटिस जारी किया जा रहा है। एक सितंबर के बाद मानक को पूरा नहीं करने वाले स्कूल बसों का पंजीयन निरस्त कर दिया जाए। जिले भर के स्कूल वाहनों की जांच के लिए चार टीमें बनाई गई हैं। जो जल्द ही सत्यापन का काम पूरा कर लेंगी। --दीपक शाह एआरटीओ परिवर्तन