Move to Jagran APP

मल्लावां के लापता चेयरमैन रहस्यमय हालात में कानपुर में मिले

हरदोई रहस्यमय हालात में लापता हुए मल्लावां नगर पालिका चेयरमैन मंगलवार रात कानपुर बासमंड में मिले।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 10:41 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 10:41 PM (IST)
मल्लावां के लापता चेयरमैन रहस्यमय हालात में कानपुर में मिले

हरदोई: रहस्यमय हालात में लापता हुए मल्लावां नगर पालिका चेयरमैन मंगलवार रात कानपुर बासमंडी में मिल गए। उनके परिचित का फोन आने पर पुलिस और परिवारजन उन्हें ले आए, लेकिन उनकी लाइसेंसी राइफल का कुछ पता नहीं चला है। क्राइम ब्रांच और पुलिस ने उनसे पूछताछ की, लेकिन वह बहकी बहकी बातें करते रहे। भाई का कहना है कि दिमागी रूप से परेशान होने से वह चलते रहे। वहीं पुलिस भी दिमागी संतुलन ठीक होने पर ही पूरी बात सामने आने की बात कह रही है।

loksabha election banner

मल्लावां कस्बा के गंगारामपुर चौराहा निवासी चेयरमैन अंकित जायसवाल शनिवार रात करीब सवा नौ बजे अपनी लग्जरी कार से घर से निकले थे, फिर उनका कुछ पता नहीं चला। चेयरमैन के बड़े भाई विशाल जायसवाल का कहना था कि सोमवार को मथुरा जिले के बल्देव थाने के दारोगा बदन सिंह ने उन्हें कार को सोरा गांव के पास लावारिस हालत में खड़ी होने की जानकारी दी थी। वहीं उनके चचेरे भाई संजय के पास एक बिरयानी वाले के नंबर से आए फोन में अंकित जायसवाल के आगरा में होने की जानकारी मिली। लावारिस कार मिलने और अंकित के गायब होने की खबर से खलबली मच गई। विशाल ने मंगलवार को ही मल्लावां कोतवाली में अंकित की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस और क्राइम ब्रांच उनकी तलाश में थी कि मंगलवार रात कानपुर बांसमडी चौराहा के पास पप्पू चाय वाले के मोबाइल से अंकित के उनके घर आने की सूचना मिली। रात में पुलिस उन्हें ले आई और पूछताछ की गई पर वह कोई सही जानकारी नहीं दे सके। अन्य किसी से तो उन्होंने बात भी नहीं की। उनके भाई विशाल का कहना है कि अंकित ने बताया कि वह किसी मानसिक उलझन में फंस गए। जिसके बाद चलते गए. मथुरा में उनकी कार फंस गई तो उसे छोड़ दिया। उनका मोबाइल पास था नहीं तो आगरा से बिरयानी वाले के नंबर से फोन पर बता भी दिया। फिर उन्हें जो वाहन मिलता गया, चलते गए। आगरा के पास उन्होंने राइफल फेंक दी। दिमागी उलझन में वह पूरी बात बता नहीं पा रहे हैं।

वहीं क्षेत्राधिकारी आरएस कुशवाहा ने बताया कि चेयरमैन अलग अलग बयान दे रहे हैं। पूछताछ और जांच में यह पता चला कि वह दिमागी परेशानी में खुद अपने आप गए थे और जहां वाहन मिला उधर ही चलकर कानपुर पहुंचे। राइफल के बारे में जानकारी मिली है कि वह ले नहीं गए थे। उन्हें परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। दिमागी रूप से स्वस्थ होने पर आगे की पूछताछ की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.