'पोषण पोटली' से कुपोषण पर प्रहार
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हरदोई : स्वस्थ समाज के लिए सरकार अब मोटे अनाजों की ओर लौट रही है। खासकर किशोरियों को सेहतमंद बनाने के लिए प्रोटीन, विटामिन और कैलोरी युक्त मोटे अनाज खिलाने की पहल की गई है। इस क्रम में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने किशोरियों के कुपोषण पर प्रहार करने के लिए उन्हें 'पोषण पोटली' से स्वस्थ बनाने की कवायद की है। इसके तहत सैग (स्कीम फॉर एडोलसेंट गर्ल्स) में शिक्षा से वंचित 11 से 14 साल आयु वर्ग की किशोरियों को स्वस्थ बनाने के लिए आगनबाड़ी केंद्रों में पोषण पोटली दी जाएगी।
जिले में 3930 आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने 7640 स्कूल न जाने वाली किशोरियों को चिह्नित किया है। इन किशोरियों को कैलोरी, प्रोटीन, फैट, आयरन, कैल्शियम, जिंक, विटामिन ए एवं बी की पूर्ति के लिए केंद्रीय न्यूट्रीविटी वैल्यू ऑफ इंडियन फूड्स की ओर से मात्रा का निर्धारण किया गया है। इसके तहत मोटे अनाज में रागी 500 ग्राम, बाजरा 1750 ग्राम, च्वार 1000 ग्राम, मक्का 1500 ग्राम, कोदो 500 ग्राम, कठिया गेहूं 1250 ग्राम, काला चना 2500 ग्राम, अरहर दाल 1000 ग्राम, देसी घी 112.50 ग्राम प्रतिमाह दिया जाएगा। शासन ने पोषण पोटली एवं देसी घी की आपूर्ति करानी शुरू कर दी है।
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स्कूल न जाने वाली किशोरियों की 7 हजार 840 संख्या है। 435 एएनएम केंद्रों पर हुए स्वास्थ्य परीक्षण में 1235 में एनीमिया है। इनमें 78 गंभीर हैं। मोटे अनाज एवं देसी घी के दैनिक प्रयोग से उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा। -बुद्धि मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी