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खतरे में रह रही पचास हजार आबादी

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By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Dec 2019 10:25 PM (IST)Updated: Mon, 16 Dec 2019 10:25 PM (IST)
खतरे में रह रही पचास हजार आबादी

हरदोई : शहर में तीन किमी की परिधि में बसी पचास हजार की आबादी खतरे के नीचे रह रही है। घरों के ऊपर से निकली एचटी लाइन से कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।

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शहर से सटे रद्वेपुरवा से आजाद नगर, सुभाष नगर, नुमाइश पुरवा, आलू थोक उत्तरी, कृष्ण नगरिया, लक्ष्मी पुरवा, राधा नगर होते हुए प्रेम नगर कालोनी तीन किमी की परिधि से एचटी लाइन निकली है। जो एक दूसरे उपकेंद्रों को आपस में जोड़ती है। इस लाइन के आस पास आबादी हो गई है। इस क्षेत्र में करीब पचास हजार की आबादी निवास कर रही है। एचटी लाइन के नीचे लोगों के मकान बने हुए है। हाल यह है कि कुछ लोगों के घर की सीमा के अंदर विद्युत पोल आ गए है। इससे इनके नीचे मकानों में करंट उतर आता है। बारिश आदि होने पर लोग करंट महसूस करते है। इन मकानों के निर्माण के दौरान कई हादसे हो चुके है। जिसमें कामगारों को जान गंवानी पड़ी है। शहर में इन विद्युत लाइन को हटाने की कई बार मांग की गई। मगर इसके लिए विभागीय नियम आड़े आ जाते है। इससे इस समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है। जो कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकता है। यह है बिजली विभाग का तर्क : बिजली विभाग प्राविधानों के अनुसार एचटी लाइन के नीचे और उसके आस पास स्थाई व अस्थाई निर्माण नहीं कराया जा सकता है। उसके नीचे मकान व दुकान बनाने का नक्शा पास नहीं किया जा सकता है। अगर कोई एचटी लाइन के नीचे मकान बनाता है तो उसके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई जा सकती है। इसके साथ ही एचटी लाइन हटाने का प्राविधान नहीं है और अगर हटाने का स्थान मिले तो उसका सारा व्यय निवासी करने वाले लोगों को ही व्यय करना होगा। विभाग की ओर से पास कर दिए गए नक्शे : शहर व कस्बा उसमें भवन निर्माण कार्य के लिए नक्शा का होना आवश्यक है। बगैर नक्शा पास किए भवन का निर्माण नहीं कराया जा सकता है। मगर शहर में जो मकान एचटी लाइन के नीचे बने है। उन सभी के नक्शा पास है। जो अपनी कहानी स्वयं ही बयां कर रही है। बोले जिम्मेदार : अधीक्षण अभियंता एनके मिश्र ने बताया कि बिजली लाइन के नीचे निर्माण कार्य किया नहीं जा सकता और वह अपनी मर्जी से एचटी लाइन को शिफ्ट भी नहीं कर सकते है। इसके लिए शासन से कार्य योजना स्वीकृत हो तभी लाइन को हटना संभव है।


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