Move to Jagran APP

गढ़ के मंदिरों में भी रही भीड़

नवरात्र के छठे दिन उपासकों ने दुर्गा देवी के छठे स्वरूप कात्यायनी देवी की पूजा-अर्चना की। नवरात्र में छठे दिन का विशेष महत्व है। इस दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। कात्यायनी देवी बड़ी ही सरलता से भक्तों पर प्रसन्न हो जाती हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Oct 2018 08:43 PM (IST)Updated: Mon, 15 Oct 2018 08:43 PM (IST)
गढ़ के मंदिरों में भी रही भीड़
गढ़ के मंदिरों में भी रही भीड़

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर

loksabha election banner

नवरात्र के छठे दिन उपासकों ने दुर्गा देवी के छठे स्वरूप कात्यायनी देवी की पूजा-अर्चना की। नवरात्र में छठे दिन का विशेष महत्व है। इस दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। नगर के दुर्गा देवी मंदिर के पंडित गो¨वद शास्त्री ने बताया कि ¨हदू धर्म में नवरात्र की विशेष महिमा है। मान्यता है कि नवरात्र में देवी मां अपने अलग-अलग रूपों में धरती पर आती हैं और नौ दिन बाद जाते-जाते अपने भक्तों के सभी दु:ख हर ले जाती हैं। मां दुर्गा की छठी शक्ति कात्यायनी हैं। ग्रंथों के अनुसार कत नामक ऋर्षि के पुत्र कात्य थे। इस कात्य ऋर्षि के गोत्र में महर्षि कात्यायान पैदा हुए। कात्यायान ने मां दुर्गा को अपनी पुत्री के रूप में पाने के लिए कई वर्षों तक मां की कठोर तपस्या की। उनकी पुत्री के रूप में अवतरित होने के कारण इनका नाम कात्यायनी पड़ा। इनका वाहन ¨सह है। मां कात्यायनी देवी व्रज मंडल की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। उन्होंने बताया कि मां के दिव्य स्वरूप का ध्यान हमें सभी दोषों व दुर्गुणों से मुक्ति प्रदान करता है। नवरात्र के त्योहार पर देवी जगदंबा की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.