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निर्माणाधीन एलिवेटेड रोड से गिरा मजदूर, हालत ¨चताजनक

एलिवेटेड रोड निर्माण में बरती जा रही असावधानियों के चलते बृहस्पतिवार की शाम एक मजदूर काम करते समय करीब पच्चीस फुट ऊंचाई से नीचे गिर गया। मजदूर को गंभीर हालत में नगर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के समय मजदूर निर्माण के चलते पिलर पर सेनेंट्री लगाने का काम कर रहा था। शुक्र था कि उस समय कोई वाहन तेज से नहीं आ रहा था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Jan 2019 08:58 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 08:58 PM (IST)
निर्माणाधीन एलिवेटेड रोड से गिरा मजदूर, हालत ¨चताजनक
निर्माणाधीन एलिवेटेड रोड से गिरा मजदूर, हालत ¨चताजनक

संवाद सहयोगी, पिलखुवा:

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एलिवेटेड रोड निर्माण में बरती जा रही असावधानियों के चलते बृहस्पतिवार की शाम एक मजदूर काम करते समय करीब पच्चीस फुट ऊंचाई से नीचे गिर गया। मजदूर को गंभीर हालत में नगर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के समय मजदूर निर्माण के चलते पिलर पर सेनेट्री लगाने का काम कर रहा था। शुक्र था कि उस समय कोई वाहन तेज गति से नहीं आ रहा था। अन्यथा मजदूर के वाहन से कुचलने की आशंका हो सकती थी। एलिवेटेड रोड निर्माण में लगातार असावधानी बरते जाने की सूचनाएं अधिकारियों तक पहुंच रही है। इसके बावजूद प्रशासनिक अधिकारी मूकदर्शक बने हैं। वर्ष 2017 में पिलर का जाल गिर गया था और उसमें पांच मजदूर बुरी तरह फंस गए थे। इसके बावजूद अधिकारियों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की थी।

घायल मजदूर अहसान सहारनपुर का रहने वाला है। हादसे के समय मजदूर पोल संख्या 70 के पिलर पर सेनेट्री लगाने का काम कर रहा था। मजदूर हाईड्रा मशीन से ऊपर टीन पकड़ रहा था।  इसी दौरान हाईड्रा मशीन पीछे हटने से झटका लग गया। इसके चलते मजदूर नीचे सड़क पर गिर पड़ा। मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। घायल को निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत ¨चताजनक बनी है। कुछ मजदूरों ने बताया कि निर्माणदायी संस्था मजदूरों की जिदंगी के प्रति लापरवाही बरत रही है। मशीनों से होने वाले कार्य को मजदूरों के हाथों द्वारा कराया जा रहा है। इस कारण अक्सर दुर्घटनाएं हो रही हैं। उल्लेखनीय है कि यह पहला हादसा नहीं है। इससे पहले भी वर्ष 2017 में टीचर्स कॉलोनी के सामने पिलर का जाल गिर गया था। इसमें पांच मजदूर फंसकर घायल हो गए थे। कड़ी मशक्कत के बाद मजदूरों को जाल से बाहर निकाला गया था। वर्ष 2017 में ही वे¨ल्डग के दौरान गैस सिलेंडर में आग लगने से हाईवे पर अफरातफरी मच गई। स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पाया गया था। इसके बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) और जिला प्रशासन के अधिकारी आंखे मूंदे बैठे हैं। मामले में निर्माणदायी संस्था के मैनेजर केएम ¨सह का कहना है कि छोटा सा हादसा हुआ है। मजदूर की हालत खतरे से बाहर है। एनएचएआई के डासना से हापुड़ बाईपास परियोजना निर्देशक आरपी ¨सह का कहना है कि उनके संज्ञान में मजदूर के गिरकर घायल होने जैसा कोई मामला नहीं है। उपजिलाधिकारी हनुमान प्रसाद का कहना है कि सूचना के बाद कोतवाली पुलिस को जांच के निर्देश दिए गए है। थाना प्रभारी निरीक्षक संजीव  शुक्ला का कहना है कि मामले में जांच चल रही है। अस्पताल के एक चिकित्सक का कहना है कि मजदूर की हालत गंभीर बनी है। 


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