Move to Jagran APP

एक करोड़ की लागत से बनी पानी की टंकी बनी शोपीस

संवाद सहयोगी, पिलखुवा : सरकारी तंत्र की उदासीनता के कारण सिखेड़ा गांव में एक करोड़ दस

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Mar 2018 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 15 Mar 2018 03:00 AM (IST)
एक करोड़ की लागत से बनी पानी की टंकी बनी शोपीस

संवाद सहयोगी, पिलखुवा : सरकारी तंत्र की उदासीनता के कारण सिखेड़ा गांव में एक करोड़ दस लाख रुपये की लागत से बनी पानी की टंकी शोपीस बनी है। ग्रामीणों को पेयजल की बेहतर सुविधा देने के उद्देश्य से वर्ष 2012 में ग्राम पंचायत द्वारा टंकी का निर्माण कराया गया था। लगभग इस टंकी से छह माह तक पानी की आपूर्ति सुचारू रूप से होती रही। लगभग छह माह बाद पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण आपूर्ति रोक दी गई। अधिकारियों ने क्षतिग्रस्त पाइप लाइन की मरम्मत कराने की सुध नहीं ली। इस कारण विगत छह वर्ष से टंकी से पानी की आपूर्ति चालू नहीं हो पाई है। अधिकारियों की लापरवाही के चलते ग्रामीण पेयजल के लिए मोहताज है। पेयजल के लिए सरकारी हैंडपंप पर सुबह से ही महिलाओं की लाइन लग जाती हैं।

loksabha election banner

करीब 11 हजार की आबादी वाले गांव सिखेड़ा में पानी की मात्र एक टंकी है, जो शोपीस बनी हुई है। छह वर्ष तक पाइप लाइन की मरम्मत नहीं किए जाने के बाद रास्ते में सीमेंट की सड़क बना दी गई है। अब यदि पाइप लाइन की मरम्मत कराई जाती है तो सड़क को तोड़ना पड़ेगा। इससे सड़क बनाने में लगा धन बर्बाद हो जाएगा। यदि मरम्मत नहीं की जाती है तो इस वर्ष भी ग्रामवासी पेयजल की किल्लत झेलने को मजबूर रहेंगे।

करीब छह वर्ष पहले पानी की टंकी का निर्माण हुआ था। कुछ दिन चलने के बाद पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी की आपूर्ति रोक दी गई। तभी से ग्रामीण पेयजल का संकट झेल रहे हैं।

--मोहम्मद आलम

-अंबेडकर और वाल्मीकि बस्ती में पानी को लेकर काफी किल्लत है। अंबेडकर बस्ती में दो हैंडपंप है जिनमें से एक खराब है। इस कारण लोगों को पानी के लिए काफी परेशानी उठानी पड़ती है।

--सचिन कुमार

-पानी की पाइप लाइन की मरम्मत कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन अब ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। पाइप लाइन के ऊपर सीसी रोड बन चुकी है, जिसे तोड़ कर ही उसकी मरम्मत कराई जा सकेगी।

--शबाना बेगम, प्रधान

-पानी की टंकी से दोबारा पेयजल आपूर्ति शुरू कराने के लिए प्रयास किए जाएंगे। जल निगम के अधिकारियों को गांव में भेजकर मामले की जांच कराई जाएगी।

--मीनू राणा, उपजिलाधिकारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.