बदहाल सड़क पर सफर करने को मजबूर ग्रामीण, अफसर मौन
संवाद सहयोगी धौलाना अच्छे दिन आएंगे मगर कब आएंगे नहीं पता। विकास खंड के ग्राम शौलाना निवा
संवाद सहयोगी, धौलाना:
अच्छे दिन आएंगे मगर कब आएंगे नहीं पता। विकास खंड के ग्राम शौलाना निवासी ग्रामीण लंबे समय अच्छे दिन का इंतजार रहे हैं। जर्जर रास्तों पर बहता नालियों का पानी एवं बारिश के पानी का जलभराव उनके विकास की रफ्तार को रोके हुए हैं। ग्रामीण गंदे पानी से होकर गुजरने के लिए विवश हैं।
स्वच्छता को लेकर दैनिक जागरण का अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें विभागों द्वारा पूर्व में कराए गए स्वच्छता कार्य की पोल आम जनता ही खोल रही है। गांव शौलाना में लगभग दस हजार की आबादी निवास करती है। उसके बाद भी गांव के शौलाना-एनटीपीसी मुख्य मार्ग पर जलभराव के कारण संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है। गंदे पानी की दुर्गंध ने ग्रामीणों का जीना मुहाल कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि नाली की यह समस्या अब उनके लिए जी का जंजाल बन गई है। यह सड़क ग्राम शौलाना को एनटीपीसी दादरी मार्ग से जोड़ती है।
ग्रामीणों द्वारा भी धौलाना आने जाने के लिए इस सड़क का इस्तेमाल किया जाता हैं। कई बार निधावली में जाम लगने के कारण अन्य जनपदों के लोग आवाजाही के लिए इसी मार्ग का प्रयोग करते है। इस मार्ग से एनटीपीसी दादरी में कार्य करने वाले सैकड़ों श्रमिकों की आवाजाही है। बावजूद इसके आज मार्ग की सुध नहीं ली गई है।
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गांव के रास्तों को बुरा हाल है। खासकर शौलाना- एनटीपीसी दादरी को जोड़ने वाला मार्ग बदहाल है। अनेकों बार मांग की जा चुकी है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका है।
- मुकेश शिशौदिया, ग्रामीण सड़क के दुरुस्त नहीं होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जर्जर एवं जलभराव होने के कारण कई बार हादसे भी चुकी है। बावजूद इसके अधिकारी अनदेखी कर रहे हैं।
- पिटू राणा, ग्रामीण
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इस सड़क का निर्माण राजनाथ सिंह जब गाजियाबाद के सांसद थे तब लोक निर्माण विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा करवाया गया था। जिस वजह से वह इसका मरम्मत कार्य करवाने में असमर्थ हैं। अगर सड़क का कुछ हिस्सा ग्राम सभा के सुपुर्द कर दिया जाए तो वह इसकी मरम्मत कार्य करवाने का प्रयास करेंगी।
- पुष्पा देवी, ग्राम प्रधान