एक सप्ताह के भीतर तीन दुष्कर्मियों को मिली कड़ी सजा
शुभम गोयल हापुड़ महिलाओं पर बढ़ते अपराधों को लेकर आए दिन लोग सड़कों पर उतर रह
शुभम गोयल, हापुड़ :
महिलाओं पर बढ़ते अपराधों को लेकर आए दिन लोग सड़कों पर उतर रहे हैं। हाथरस केस के बाद महिला अपराधों को रोकने के लिए प्रदेश सरकार लगातार कदम उठा रही है। इसी बीच अब न्यायालय भी इस ओर जल्द से जल्द मामलों की सुनवाई कर दोषियों को कड़ी सजा सुना रहा है, जिससे कि महिलाओं पर बुरी नजर रखने वालों को कड़ी सजा मिलने के साथ ही न्यायालय के फैसले मामले नजीर बन सकें और महिला अपराधों का ग्राफ घट सके।
प्रदेश सरकार वर्तमान में मिशन शक्ति अभियान चला रही है। इस दौरान गांव-गांव, गली-गली जाकर महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा रहा है। साथ ही हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी भी दी जा रही है, जिससे कि महिलाएं जागरूक हो सकें और अपराधों में कमी आ सके। इसी बीच न्यायालय भी पाक्सो अधिनियम के मामलों में तत्परता से सुनवाई और कार्रवाई कर रहा है। जिले में बीते एक सप्ताह में दो बड़े मामलों में न्यायालय ने कड़ी सजा दोषियों को सुनाई है।
बता दें कि हापुड़ देहात थाना क्षेत्र के एक मोहल्ले में पांच सितंबर 2018 को एक 12 वर्षीय मासूम के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। यहां तक कि बहन की रक्षा करने के लिए आए दस वर्षीय भाई का गला रेत दिया गया था। इस मामले में बीते बृहस्पतिवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो वीना नारायण ने दो घरेलू सहायकों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। न्यायालय ने घरेलू सहायक मोहल्ला नवी करीम निवासी सोनू उर्फ पव्वा उर्फ बीडी व मृतका का पड़ोसी अंकुर तेली को फांसी की सजा सुनाते हुए कड़ा संदेश दिया है। वहीं, तीसरे आरोपित को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया था।
उधर, गढ़ क्षेत्र में इसी वर्ष छह अगस्त को मासूम के अपहरण के बाद दुष्कर्म की घटना हुई थी। पुलिस ने 14 अगस्त को अमरोहा जनपद के थाना गजरौला क्षेत्र के गांव मोहम्मदपुर निवासी दलपत को गिरफ्तार किया था। मामले में पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किए और न्यायालय ने जल्दी से जल्दी मामले की सुनवाई पूरी की। इस मामले में सोमवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पाक्सो वीना नारायण ने दोषी दलपत को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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कब-कब, क्या-क्या हुआ --
- 6 अगस्त को हुई थी मासूम के साथ वारदात
- 14 अगस्त को पुलिस ने दलपत को किया था गिरफ्तार
- 14 अगस्त को पुलिस अभिरक्षा से भागने पर दलपत के पैर में लगी थी लगी
- 31 अगस्त को आरोप पत्र दाखिल किया
- दो सितंबर को न्यायालय ने मामले में संज्ञान लिया
- 16 सितंबर को मामले की सुनवाई शुरू हुई
- 21 सितंबर को 18 गवाहों की गवाही व साक्ष्य प्रस्तुत किए गए
- 22 कार्य दिवस में मासूम को मिला इंसाफ
- 19 अक्टूबर को 72 पेज में आया फैसला
- दोषी दलपत को मिला अंतिम सांस तक मिला आजीवन कारावास
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पुलिस ने न्यायालय में जमा किए वारदात से जुड़े साक्ष्य -
- दोषी दलपत के जूतों पर मिली घटनास्थल की मिट्टी
- घटना स्थल पर मिले दलपत के जूतों के निशान
- मासूम बच्ची व दलपत के डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट
- सुसाइड नोट पर लिखी गई हैंडराइटिग का मिलान
- घटना स्थल से बरामद हुआ दलपत की कमीज का बटन
- दलपत के कपड़ों से बरामद हुए मासूम बच्ची के बाल
- दलपत के फिगर प्रिट व हाथों के स्वैब
- आगरा, लखनऊ और गाजियाबाद के निवाड़ी स्थित लैबों में हुई थी फारेंसिक जांच
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पिछले दो वर्षों में महिला संबंधी अपराधों के तुलनात्मक आंकड़ें --
वारदात वर्ष 2019 के मामले वर्ष 2020 के मामले (सितंबर माह तक)
पाक्सो एक्ट 75 30
दहेज हत्या 10 04
दुष्कर्म 37 13
छेड़छाड़ 25 15
अपहरण 115 40