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नहीं लग रही तीन तलाक पर लगाम, न्याय को मोहताज पीड़िताएं

मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के उद्देश्य के भाजपा सरकार ने जुलाई तीन तलाक पर कानून बनाया था। कानून के लागू होने के बाद भी महिलाओं पर अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जनपद में इस कानून का खौफ दिखाई नहीं दे रहा है। पिछले एक माह में जनपदभर में तीन तलाक के पांच मामले प्रकाश में आए है। हालांकि पुलिस ने पीड़ित महिलाओं की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। लेकिन महिलाएं आज भी न्याय को मोहताज है। तीन तलाक मुस्लिम समाज की एक ऐसी विडंबना

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Sep 2019 08:00 PM (IST)Updated: Wed, 04 Sep 2019 06:23 AM (IST)
नहीं लग रही तीन तलाक पर लगाम, न्याय को मोहताज पीड़िताएं

केशव त्यागी, हापुड़:

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मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के उद्देश्य से जुलाई माह में संसद ने तीन तलाक पर कानून में संशोधन किया था। संशोधन के बाद आरोपित को सजा का प्रावधान होने के बाद भी मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार रुक नहीं पा रहा है। जनपद में इस कानून का खौफ दिखाई नहीं दे रहा है। पिछले एक माह में जनपद में पांच महिलाओं को तीन तलाक दे दिया गया। पुलिस ने चार पीड़ित महिलाओं की तहरीर पर मुकदमा तो दर्ज कर लिया, लेकिन एक पीड़िता आज भी न्याय पाने को भटक रही है।

तीन तलाक के कुरीति के कारण मुस्लिम महिलाओं को तरह-तरह की यातनाएं झेलनी पड़ती है। नया कानून बनने के बाद पांच विवाहिताओं को उनके पतियों ने तीन तलाक दे दिया। शोहर द्वारा तीन तलाक देने के बाद पीड़ित महिलाएं दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं। केस-1

कोतवाली हापुड़ क्षेत्र के मोती कॉलोनी निवासी रुखसार की शादी दो साल पहले उसके ही मोहल्ले में रहने वाले सुल्तान से हुई थी। 11 अगस्त को चिकित्सक से दवा लाने के लिए केवल 30 रुपये मांगने पर उसके पति ने तीन बार तलाक कह कर उसे घर से निकाल दिया। मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन पति से तलाक के बाद पीड़िता और उसके बच्चों के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे है। फिलहाल मामला न्यायालय में विचाराधीन है। ------------- केस-2

नगर के मोहल्ला सिकंदर गेट निवासी हिना ने बताया कि तीन वर्ष पहले उसकी शादी जनपद मेरठ के थाना सरुरपुर क्षेत्र के गांव खिवाई निवासी हनीफ के साथ हुई थी। डेढ़ माह पहले उसका पति उसे और उसके पुत्र हनीफ को मायके छोड़कर चला गया था। पुलिस से शिकायत करने पर आरोपित 28 अगस्त को पीड़िता के मायके में पहुंचा और तीन बार तलाक कह कर वापस लौट गया। पुलिस ने आरोपित पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। लेकिन अभी तक आरोपित की गिरफ्तारी नहीं कर सकी है। पीड़िता न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। --------------- केस-3

नगर के मोहल्ला भंडा पट्टी सिकंदर गेट निवासी शीबा का निकाह 3 दिसंबर 2012 को मोहल्ला अमृत विहार निवासी वसीम पुत्र मुन्ने खां के साथ हुआ था। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उसे प्रसूता अवस्था में दहेज में पांच लाख की मांग कर ससुराल पक्ष के लोगों ने जमकर पीटा। 18 अगस्त को पीड़िता मायके से ससुराल पहुंची तो आरोपित पति ने उसके साथ मारपीट कर तीन बार तलाक कह दिया। पुलिस ने पति वसीम समेत ससुराल पक्ष के पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। ----------- केस-4

थाना सिभावली क्षेत्र के वैट निवासी आशिया का निकाह गांव में ही रहने वाले जुल्फेकार के साथ हुआ था। जुल्फेकार ने दहेज में एक लाख रुपये और बाइक की मांग पूरी नहीं कर पाने पर पत्नी को तीन तलाक कहकर घर से निकाल दिया। पुलिस ने पति जुल्फेकार समेत ससुराल पक्ष चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। लेकिन आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। महिला को आज भी न्याय की दरकार है। ---------------- केस-5

गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के नाजिम कॉलोनी निवासी शबाना ने बताया कि 3 अक्टूबर 2010 को उसकी शादी जनपद मेरठ के थाना नौचंदी क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति से हुई थी। संतान की प्राप्ति न हो पाने के कारण ससुराल वाले पीड़िता के साथ मारपीट करने लगे। कुछ दिन बाद वह मायके चली आई। सात जुलाई को पति उसके मायके पहुंचा और तीन बार तलाक कह कर लौट गया। 21 अगस्त को पीड़िता ने फोन कॉल कर पति से बात करने का प्रयास किया। इस पर आरोपित ने फोन पर भी तीन बार तलाक कह दिया। मुकदमा दर्ज कराने के लिए पीड़िता दर-दर की ठोकरे खा रही है। ------------- --क्या बोले अधिकारी

तलाक के मामलों को लेकर विभाग गंभीर है। पीड़ित महिलाओं को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी। लापरवाही बरतने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मामलों में लिप्त आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को कड़े आदेश दिए हैं।

--डॉ. यशवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक


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