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सवा लाख पुराने वाहन स्वामियों की जेब होगी ढीली

जनपद के करीब सवा लाख पुराने वाहन स्वामियों की जेब ढीली होगी। क्योंकि अब पुराने वाहनों पर भी हाइ सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवानी ही होगी। हालांकि इस नंबर प्लेट से कई प्रकार के लाभ वाहन स्वामी और परिवहन विभाग दोनों हो ही मिलेंगे। संबंधित वाहन कंपनी के शोरूम से स्वामी इस नंबर प्लेट को लगवा सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 06:17 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 06:08 AM (IST)
सवा लाख पुराने वाहन स्वामियों की जेब होगी ढीली
सवा लाख पुराने वाहन स्वामियों की जेब होगी ढीली

शुभम गोयल, हापुड़ :

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जनपद के करीब सवा लाख पुराने वाहन स्वामियों की जेब ढीली होगी। क्योंकि अब पुराने वाहनों पर भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवानी ही होगी। हालांकि, इस नंबर प्लेट से कई प्रकार के लाभ वाहन स्वामी और परिवहन विभाग दोनों को ही मिलेंगे। संबंधित वाहन कंपनी के शोरूम से स्वामी इस नंबर प्लेट को लगवा सकते हैं।

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को लगवाने के लिए वाहन स्वामी को भटकने की आवश्यकता नहीं है। जनपद में 25 वाहन कंपनियों के अलग-अलग शोरूम पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने की व्यवस्था की गई है। जिस कंपनी का वाहन है, वाहन स्वामी उसी कंपनी से नंबर प्लेट लगवाएगा। बता दें कि अब तक नए वाहनों पर ही हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाई जा रही थीं, लेकिन अब पुराने वाहनों पर भी हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है। इस अनिवार्यता के बाद उपसंभागीय कार्यालय के अधिकारियों ने भी तैयारी तेज कर दी है और दो बार वाहन कंपनियों के संचालकों के साथ बैठकें कर जरूरी दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। इस नंबर प्लेट के लिए प्रत्येक शोरूम पर एक फिक्स चार्ज भी रखा गया है। दो पहिया वाहन के लिए कम से कम 450 रुपये और चार पहिया वाहन के लिए करीब एक हजार रुपये का चार्ज रखा गया है।

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नंबर के अतिरिक्त कुछ नहीं लिखा जा सकता -

नंबर प्लेट जारी होने के बाद ही नए वाहन की आरसी दी जाती है और संबंधित वाहन कंपनी के शोरूम द्वारा ही नंबर प्लेट भी लगाकर दी जाती है। इस नंबर प्लेट पर उपसंभागीय कार्यालय द्वारा जारी नंबर के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं लिखा जा सकता है। वाहन के नंबर प्लेट पर नाम, पदनाम व विभाग का नाम आदि लिखने पर रोक है। इसके अलावा वाहनों पर नंबर प्लेट फिक्स करने के उद्देश्य को लेकर शासन ने इस नई व्यवस्था को लागू किया है।

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यह मिलता है हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट से लाभ -

क्रोमियम होलोग्राम वाले हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट में सात डिजिट का लेजर कोड यूनिक रजिस्ट्रेशन नंबर होता है। कोई हादसा या आपराधिक वारदात होने पर इस नंबर के जरिये वाहन और इसके मालिक के बारे में कई जानकारियां उपलब्ध होंगी। कई बार अपराधी वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर के साथ छेड़छाड़ कर भी फायदा उठा लेते हैं, लेकिन इस नंबर प्लेट पर ऐसा करना संभव नहीं होगा। यह नंबर ना तो पेंट और ना ही कोई स्टीकर से लिखा होगा। नंबर को प्लेट पर प्रेशर मशीन से लिखा जाता है, जोकि प्लेट पर उभरा हुआ दिखेगा।

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जनपद में वाहनों की संख्या --

वाहन का प्रकार संख्या

मोटरसाइकिल व स्कूटर 87175

मोपेड 3601

कार 14578

कृषि प्रयोग के ट्रैक्टर 3613

बस 403

ई-रिक्शा 3012

मोटर कैब 678

थ्रीव्हीलर 6213

माल वाहक 4265

नोट - इसके अतिरिक्त भी अन्य प्रकार के वाहन पंजीकृत हैं।

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क्या कहते हैं अधिकारी --

जनपद के करीब सवा लाख पुराने वाहनों पर भी हाई सिक्योरिटी नंबर लगवाई जाएंगी। इसे अनिवार्य कर दिया गया है। वाहन स्वामी संबंधित वाहन के शोरूम पर जाकर अपना पंजीकरण कराकर नंबर प्लेट बनवाकर लगवा सकता है। नंबर प्लेट के लिए एक फिक्स चार्ज प्रत्येक शोरूम पर रखा गया है।

- राजेश कुमार श्रीवास्तव, एआरटीओ प्रशासन


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