Move to Jagran APP

गांव में डेंगू के मरीज मिले तो ग्राम प्रधान को कराना होगा इलाज

मच्छरों को मारने के लिए शासन ने अब ग्राम प्रधानों पर शिकंजा कसा है। ग्राम स्वच्छता समिति के खाते से उन्हें दस हजार में फॉ¨गग मशीन खरीदकर गांव में दवा का छिड़काव कराना होगा। ऐसा न करने और गांव में डेंगू के मरीज पाए जाने पर ग्राम प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्हें मरीजों को अस्पताल में भर्ती करवाने के साथ इलाज भी कराना होगा। ग्राम स्वच्छता समिति के खाते में प्रति वर्ष दस हजार रुपये शासन की ओर से भेजे जाते हैं। इस धनराशि से गांव में स्वच्छता से संबंधित कार्य कराए जाते हैं। प्रधान धनराशि को खाते से तो निकाल लेते हैं, मगर दवा का छिड़काव नहीं करवाते हैं। इसके चलते डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों पर काबू पाने में दिक्कत हो रही है। पिछले साल जिले में डेंगू के डेढ़ सौ मरीज चिह्नित किए गए थे। इसके बाद भी गांवों में न तो फॉ¨गग हुई और न ही साफ-सफाई की ओर किसी का ध्यान पड़ा। मच्छरजनित बीमारियों पर काबू पाने के लिए इस बार शासन ने ग्राम प्रधानों पर शिकंजा कस दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 06:28 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 06:28 PM (IST)
गांव में डेंगू के मरीज मिले तो ग्राम प्रधान को कराना होगा इलाज
गांव में डेंगू के मरीज मिले तो ग्राम प्रधान को कराना होगा इलाज

¨प्रस शर्मा, गढ़मुक्तेश्वर : शासन ने ग्रामीणों को मच्छरों के प्रकोप से निजात दिलाने की जिम्मेदारी अब ग्राम प्रधानों को सौंपी है। इसके लिए शासन ने उन्हें ग्राम स्वच्छता समिति के खाते में भेजे जाने वाले दस हजार रुपये से फॉ¨गग मशीन खरीदकर गांव में मच्छर मारने की दवा का छिड़काव कराने का आदेश दिया है। गांव में डेंगू का मरीज पाए जाने पर ग्राम प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। उन्हें मच्छर जनित रोगों से पीड़ित रोगियों को अस्पताल में भर्ती करा कर अपने खर्च पर उनका इलाज कराना होगा।

loksabha election banner

उल्लेखनीय है कि ग्राम स्वच्छता समिति के खाते में शासन प्रति वर्ष दस हजार रुपये भेजता है। इस धनराशि से गांव में स्वच्छता के कार्य कराए जाते हैं। आमतौर पर शिकायत मिलती है कि ग्राम प्रधान स्वच्छता समिति के खाते से धनराशि तो निकाल लेते हैं, लेकिन गांवों में मच्छर मारने की दवा का छिड़काव नहीं करवाते हैं। इस कारण डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी मच्छर जनित रोगों का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। गत वर्ष पूरे जनपद में डेंगू के डेढ़ सौ मरीज चिह्नित किए गए थे। इसके बावजूद गढ़ तहसील के गांवों में न तो फॉ¨गग हुई और न ही सफाई कराई गई। मच्छर जनित बीमारियों पर काबू पाने के लिए इस बार शासन ने ग्राम प्रधानों को जिम्मेदारी सौंपी है। इन रोगों पर काबू नहीं पाए जाने की स्थिति में शासन ने ग्राम प्रधानों को दंडित करने का भी निर्णय लिया है।

शासन ने स्वास्थ्य अधिकारी को आदेशित किया है कि वे ग्राम प्रधानों पर फॉ¨गग मशीन और दवा खरीदकर तत्काल छिड़काव कराने के लिए दबाव बनाएं। अब डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसे रोगों से पीड़ितों की जानकारी मिलने पर संबंधित गांव के प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ग्राम प्रधानों को अब ऐसे रोगियों के इलाज का खर्च स्वयं उठाना होगा। ग्राम प्रधानों को दवा का छिड़काव करने वाली फॉ¨गग मशीन खरीदने के बाद दुकानदार से मिलने वाला बिल स्वास्थ्य विभाग में जमा कराना होगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. दिनेश भारती का कहना है कि शासन द्वारा ग्राम स्वच्छता समिति के खाते में रुपये भेजे गए हैं। इसी धनराशि से फॉ¨गग मशीन खरीदकर दवा का छिड़काव कराना है। ऐसा नहीं करने और डेंगू के मरीज मिलने पर प्रधान के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मरीजों का इलाज भी उन्हीं को कराना होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.