खतरनाक स्थिति में पहुंचा शहर का वायु प्रदूषण का स्तर
जागरण संवाददाता हापुड़ कोरोना महामारी के शुरुआती चरण में किए लाकडाउन में प्रदूषण्
जागरण संवाददाता, हापुड़
कोरोना महामारी के शुरुआती चरण में किए लाकडाउन में प्रदूषण भी कैद हो गया। मार्च के अंतिम सप्ताह में हवा की गुणवत्ता इतनी सुधरी कि आसमान साफ हो गया। अब चार चरणों में अनलाक के बाद प्रदूषण खतरनाक स्तर की तरफ बढ़ रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मार्च के अंतिम सप्ताह में जो वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 से नीचे रहा था तो अब 200 के पार जा रहा है। इसका मुख्य कारण निर्माणाधीन स्थलों से उड़ती धूल और जगह-जगह जलाया जा रहा कूड़ा है। मार्च माह में शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक(एक्यूआइ) 120 से 150 के बीच था। 25 मार्च को देशभर में लाकडाउन लागू हो गया। तब औद्योगिक इकाइयों के साथ ही वाहन बंद थे। पूरी तरह से लॉकडाउन का असर देखने को मिला। अप्रैल माह में एक्यूआइ कम होने के साथ लोगों ने राहत की सांस ली थी। अब जैसे-जैसे सबकुछ अनलाक हो रहा है और सर्दी का सीजन आ रहा है तो एक्यूआइ फिर 200 के पार पहुंच गया है। यही नहीं 300 और 400 के ऊपर पहुंचने की तैयारी में है। बृहस्पतिवार को शाम पांच बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट पर वायु गुणवत्ता सूचकांक पीएम-10(वायुमंडल में धूल के कण) 208 अंकों पर थे। जबकि पीएम-2.5 सूचकांक 105 अंकों पर रहा। जबकि मंगलवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 164 अंक पर था। इसका मुख्य कारण निर्माण कार्याें से उड़ती धूल और जगह-जगह कूड़ा जलाने के मामले हैं। अफसरों की उदासीनता का आलम यह है कि जिम्मेदार विभाग कार्रवाई करने से बच रहे हैं। 100 से नीचे हो एक्यूआइ
एनजीटी और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों के अनुसार वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्टैंडर्ड 100 है, लेकिन यहां पर बढ़ते प्रदूषण का असर ऐसा है कि सर्दी के सीजन में तो एक्यूआइ 400 से 500 के आसपास भी पहुंच जाता है। इस बार भी आने वाले दिनों में हालात ऐसे ही हो सकते हैं। सात से चार डिग्री गिरा पारा अक्टूबर माह में रात का तापमान चार डिग्री गिरा है। रात में मौसम सर्दी का अहसास करा रहा है, जबकि दिन में ज्यादा बदलाव नहीं आ रहा है। तापमान भी 35 डिग्री से नीचे नहीं आ रहा है। बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस है। क्या कहते हैं अधिकारी लाकडाउन के दौरान हवा की गुणवत्ता काफी सुधरी थी। अनलाक और मौसम में बदलाव से वायु गुणवत्ता सूचकांक लगातार बढ़ रहा है। हवाओं में उतार-चढ़ाव के चलते मौसम अभी बदलेगा। वायु प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। उत्सव शर्मा, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी