तकनीकी के साथ उन्नत बीज की करें बुआई, मिलेगी बंपर पैदावार
गेहूं की बुआई का कार्य अक्टूबर माह से शुरू हो जाता है। रबी सीजन में गेहूं बुआई के लिए जहां किसान खेतों को तैयार कर रहे हैं वहीं कृषि विभाग भी किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में जुट गया है।
15एचपीआर-2 जागरण संवाददाता, हापुड़ :
गेहूं की बुआई का कार्य अक्टूबर माह से शुरू हो जाता है। रबी सीजन में गेहूं बुआई के लिए जहां किसान खेतों को तैयार कर रहे हैं, वहीं कृषि विभाग भी किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में जुट गया है। इसके अलावा कृषि विज्ञानी गोष्ठियां आयोजित कर किसानों को उन्नत किस्म के गेहूं के बीजों के बारे में बता रहे हैं। यह बीज करनाल और नई दिल्ली से किसान ले सकते हैं। जनपद में गन्ना उत्पादन सबसे ज्यादा होता है। वहीं गन्ना के इर्द-गिर्द ही राजनीति रहती है। गन्ना उत्पादन के बाद दूसरे नंबर पर गेहूं उत्पादन किया जाता है। यहां किसान गन्ना छिलाई के बाद खाली खेतों में गेहूं बुआई करता है। अधिकतर किसान घर की किसान घर की जरूरत और कुछ बरसात के महीनों में वस्तु विनियम अर्थात गेहूं के बदले सब्जी आदि सामान लेने को ही रखता है। यही कारण है कि जिले के किसान तकनीकी के साथ उन्नत किस्म के बीज बुआई करने पर जोर दे रहा है। इस बार जनपद में गेहूं बुआई के लिए बीज का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जल्द ही कृषि विभाग के पास गेहूं का बीज आ जाएगा। कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि विज्ञानी डा. अशोक सिंह ने बताया कि गेहूं की नई प्रजातियां किसान ले सकते हैं। किसानों को गोष्ठियों के माध्यम से कम खर्च में अधिक उत्पादन के बारे में बताया जा रहा है। समय से गेहूं की बुआई और बुआई के लिए उन्नत बीज का चयन करने को बताया जाता है। उन्होंने बताया कि करनाल स्थित गेहूं एवं जौ निदेशालय से अगेती प्रजाति और दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान से पिछेती प्रजाति के गेहूं के बीज प्राप्त किए जा सकते हैं। अगेती प्रजाति की बुआई 25 नवंबर तक और पिछेती प्रजाति की बुआई 30 दिसंबर तक की जा सकती है। यह हैं उन्नत गेहूं बीज प्रजाति अगेति प्रजाति डीबीडब्ल्यू - 187(करन वंदना) डीबीडब्ल्यू - 303 डीबीडब्ल्यू - 222 एचडी - 3226 एचडी - 3086, 3043, 3237 डब्ल्यूबी - 02 पिछेती प्रजाति डीबीडब्ल्यू - 173, 71, 16 डब्ल्यूआर - 544