श्रावण पूर्णिमा कल: ब्रजघाट गंगा पर स्नान पर रोक, शुभ मुहूर्त में हनुमान को अर्पित कीजिए रक्षासूत्र, खूूूब मिलेगी तरक्की
कोरोना वायरस को लेकर गंगा में स्नान करने के लिए लगाई गई रोक सोमवार को होने वाले श्रावण माह की पूर्णिमा पर भी लागू रहेगी।
ब्रजघाट, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार सोमवार को श्रावण पूर्णिमा के अवसर पर लोग गंगा में स्नान नहीं कर सकेंगे। आस्था का संगम कहे जाने वाले गंगा घाट पर आस्था का मेला नहीं लगेगा। ब्रजघाट को सील कर दिया गया है। यदि कोई स्नान करने के लिए पहुंचता है तो उसे पहले रोका जाएगा, अगर आदेशों का पालन नहीं किया तो कार्रवाई की जाएगी।
मेले पर भी लगी रोक
कोरोना वायरस को लेकर गंगा में स्नान करने के लिए लगाई गई रोक सोमवार को होने वाले श्रावण माह की पूर्णिमा पर भी लागू रहेगी। रविवार को एसडीएम विजय वर्धन तोमर ने ब्रजघाट पर लगने वाले श्रावण पूर्णिमा मेले पर रोक लगा दी। पूर्णिमा पर्व पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा तटों पर स्नान करने के लिए आते हैं। ऐसे में आज सोमवार को पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाले मेला पर रोक लगा दी है।
गंगा घाट पर धारा 144 लागू
गंगा घाट पर धारा 144 को लागू कर मजिस्ट्रेट अफसर व पुलिस प्रशासन को कड़ाई से पालन के आदेश दिए हैं। गंगा तट पर भीड़ एकत्रित होने से कोरोना संक्रमण फैल सकता है। इसलिए कोरोना संकमण तथा लोक स्वास्थ्य को देखते हुए गंगा तटों पर श्रद्धालु गंगा स्नान करने पर व गंगा तट इन पर्वों पर लगने वाले मेले पर रोक लगा दी गई है।
मात्र अस्थि विसर्जन वालों को छूट
एसडीएम विजय वर्धन तोमर ने बताया कि गंगा नगरी पर मात्र अस्थि विसर्जन करने वाले और अंतिम संस्कार करने के लिए आने लोगों को गंगा नगरी में प्रवेश कराया जाएगा।
श्रावण पूर्णिमा का महत्व
पंडित शिवदत्त शर्मा ने बताया कि श्रावण पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ होता है अत: इस दिन पूजा उपासना करने से चंद्रदोष से मुक्ति मिलती है। श्रावण पूर्णिमा का दिन दान-पुण्य के लिए महत्वपूर्ण होता है अत: इस दिन स्नान के बाद गाय आदि को चारा खिलाना, चींटी, मछलियों आदि को दाना खिलाना चाहिए। इस दिन गोदान का बहुत महत्व होता है। श्रावण पूर्णिमा पर जनेऊ पहनने वाले हर धर्मावलंबी मन, वचन और कर्म की पवित्रता का संकल्प लेकर जनेऊ बदलते हैं। ब्राह्मणों को यथाशक्ति दान देकर भोजन कराया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा का विधान होता है। विष्णु-लक्ष्मी के दर्शन से सुख, धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस पावन दिन पर भगवान शिव, विष्णु, महालक्ष्मी व हनुमान को रक्षासूत्र अर्पित करना चाहिए।