आरटीआइ : योजनाओं से आधी आबादी के सपनों को लग रहे पंख
जागरण संवाददाता हापुड़ महिलाओं और बालिकाओं के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओ
जागरण संवाददाता, हापुड़ :
महिलाओं और बालिकाओं के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं से जिले की आधी आबादी के सपनों को पंख लग रहे हैं। सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि अब सरकारी योजनाएं कागजों तक सिमटकर नहीं रह रही हैं। योजनाओं का लाभ लेकर महिलाएं न केवल स्वावलंबी हो रही हैं, बल्कि वह दूसरों को रोजगार भी दे रही हैं। सूचना का अधिकार कानून के अंतर्गत मिली जानकारी में आंकड़े राहत देने वाले हैं। जनपद में आधी आबादी के लिए डाक विभाग की सुकन्या समृद्धि योजना, प्रोबेशन विभाग की सुमंगला योजना, भाग्य लक्ष्मी योजना, श्रम विभाग की पुत्री विवाह अनुदान योजना, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, विश्वकर्मा श्रम कल्याण योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह संचालित हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर जिले की आधी आबादी आत्मनिर्भर हो रही है। सूचना का अधिकार कानून के अंतर्गत मिली जानकारी के मुताबिक, सुकन्या समृद्धि योजना के तहत डाक विभाग द्वारा 14 वर्ष तक किस्त जमा कराई जाती है, जिसमें 21 वर्ष के बाद एकमुश्त धनराशि 7.6 प्रतिशत ब्याज के तहत प्राप्त होती है, जिनमें 11 हजार से अधिक लाभार्थियों को इसका लाभ मिला है। शिशु हित लाभ योजना के तहत गरीब श्रमिकों के बच्चों को आर्थिक सहायता दी जाती है। जिले में इसके तहत 604 लोगों को लाभ मिला। मातृत्व हितलाभ योजना के तहत पंजीकृत 604 श्रमिकों को 45 हजार रुपये का भुगतान किया गया है। निर्माण कामगार बालिका मदद योजना के तहत श्रामिकों की बालिकाओं को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है। जिले में 86 लाभार्थियों को इसका लाभ मिला है। निर्माण कामगार पुत्री विवाह योजना के तहत श्रम विभाग द्वारा अनुसूचित जाति के कामगार को दो पुत्रियों को विवाह के समय 51 हजार रुपये दिए जाते हैं। विवाह के लिए 816 परिवारों को लाभ दिया गया है। किशोरी सशक्तिकरण योजना के तहत पात्र किशोरियों को खानपान और दूध आदि की व्यवस्था की जाती है। जिले में 634 लाभार्थियों को इसका लाभ मिला है। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत पति की मौत होने पर महिला को 30 हजार की आर्थिक मदद दी जाती है। जिले में 905 को इस योजना का लाभ मिला है।