बारिश ने कराया ठंड का एहसास, फसलों को नुकसान
- रविवार को हुई रुक-रुककर हुई ताबड़तोड़ बारिश - बिजली कटौती के चलते लोगों को हुई
- रविवार को हुई रुक-रुककर हुई ताबड़तोड़ बारिश
- बिजली कटौती के चलते लोगों को हुई परेशानी
17एचपीआर17, 18,22 से 26
जागरण टीम, हापुड़
रविवार सुबह से शुरू हुई बारिश ने लोगों को ठंड का एहसास करा दिया है। हालांकि यह बारिश किसानों के लिए अभिशाप बनी। खेतों में पानी भरने से फसलों को नुकसान हुआ है। मौसम बदलने के चलते शहर में बिजली की किल्लत रही। वहीं नवीन मंडी में सड़क पर पड़े धान के भीगने से व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है।
रविवार सुबह से रात तक रुक-रुक कर जनपद में बारिश हुई। बूंदाबांदी के साथ अचानक मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। बारिश होने के कारण जो जहां थे वहीं रूक गए। पिलखुवा शहर से लेकर गांवों तक की नालियां उफान पर आ गईं और रास्तों पर जलभराव की समस्या बन गई। दूसरी ओर बारिश के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। किसानों का कहना है कि खरीफ की फसल तैयार हो गई है और ज्यादातर किसान अपनी फसल की तेजी से कटाई में जुटे हैं। ऐसे में बारिश होने से फसल बर्बाद होने का खतरा बना हुआ है। पहले ही सितंबर माह में हुई रिकार्ड तोड़ बारिश से किसानों के खेतों में पानी भर गया था। जिस वजह से किसानों को फसल कटाई में भारी परेशानियों के सामना करना पड़ रहा है। इससे उपज में भी कमी हो गई है। पूर्व के मुकाबले इस बार कम पैदावार निकल रही है। ऐसे में आगामी तीन दिन तक बारिश की संभावना के चलते किसानों की बेचैनी बढ़ गई है।
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बारिश के कारण धान की फसल जो खेतों में कटी हुई पड़ी थी। उसमें जबरदस्त नुकसान हुआ है। सरकार को इसकी भरपाई करनी चाहिए।-- शिवकुमार राणा, किसान
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बारिश के कारण गन्ने की फसल को भी नुकसन पहुंचा है। क्योंकि बारिश के साथ हवा ने भी फसलों को नुकसान पहुंचा है।
-- जितेंद्र सिंह, किसान
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पूर्व में हुई बारिश के कारण खेतों में पहले से ही पानी भरा हुआ था। रविवार को बारिश के बाद अब खेतों से पानी सूखने की उम्मीद समाप्त हो गई है।
-- महेश कुमार, किसान
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बारिश के कारण धान के अलावा अन्य फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। जिन फसलों की बुआई पिछले दिनों हुई है वह तबाह हो गई है।
-- शिवकुमार राणा, किसान
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किसान यहां दे सकते हैं सूचना
रविवार को हुई बारिश से जिन किसानों की फसल को नुकसान हुआ और उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा कराया है, वह किसान घबराएं नहीं। जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि वह कृषि विभाग में, जिस बैंक से उनका प्रीमियम कटा है वहां और बीमा करने वाली कंपनी के अधिकारी को फोन नंबर 6393282253 व 9005873174 पर सूचना दे सकते हैं ताकि फसल का सर्वे कराया जा सके। इसके लिए किसान टोल फ्री नंबर 18008896868 पर सूचना दे सकते हैं।
---------------- बारिश के कारण करोड़ों का धान भीगा
- नगर के पुरानी दिल्ली रोड सहित मेरठ रोड पर खुले में रखा जा रहा है धान
- जलभराव से लोगों को परेशानी हुई
17 एचपीआर 10,11
संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर
रविवार को आई बारिश में नगर में लगने वाली धान मंडी में बोरियों में भरा और खुले में पड़ा धान भीग गया। धान भीगने से किसानों को बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि खरीदे धान के भीगने से भी व्यापारियों के चेहरे पर चिता की लकीर दिख रही है।
इस बार धान की बंपर पैदावार हुई है। पिछले साल की अपेक्षा इस बार नगर की पुरानी दिल्ली रोड, स्टेशन रोड, मेरठ रोड पर खुले में लगने वाली धान मंडी में फसल की अधिक आवक हो रही है, जिसके चलते मंडी परिसर में खुले आसमान के नीचे धान की फसल पड़ी है। रविवार को आई बारिश में धान की बोरियां और खुले में पड़ा धान भीग गया। मंडी में पानी निकासी का उचित प्रबंध नहीं होने से बारिश का पानी मंडी में जमा हो जाता है। पानी में धान भीग गया है। वहीं व्यापारी मूलंचद सिघल, राजेश पंडित, साजिद चौधरी, मोहित गर्ग, अमित यादव, राजू आढ़ती, आशीष, ललित गोयल, कृष्णवीर गब्बर, नरेंद्र गुप्ता आदि ने बताया कि रविवार को हुई बारिश के कारण मंडी में करीब सात-आठ करोड़ रुपये का धान भीग गया है।