महिला अपराध में आधुनिक किट से सूक्ष्म साक्ष्य जुटा सकेगी पुलिस
केशव त्यागी हापुड़ महिला अपराधों में लिप्त कुछ आरोपितों को प्रर्याप्त साक्ष्य न मिलने पर राह
केशव त्यागी, हापुड़ :
महिला अपराधों में लिप्त कुछ आरोपितों को प्रर्याप्त साक्ष्य न मिलने पर राहत मिल जाती है लेकिन, अब शायद ऐसे संभव नहीं होगा। महिलाओं के साथ होने वाली वारदातों में आरोपितों के खिलाफ सूक्ष्म साक्ष्य जुटाने के लिए पुलिस को सेक्सुअल असाल्ट एविडेंस कलेक्शन किट दी गई हैं। जनपद को ऐसी 19 किट मिली हैं। एएसपी ने प्रत्येक थाने व फोरेंसिक टीम को एक-एक किट दे दी है। इस किट से किस तरह काम करना है। इसके लिए शुरूआत में 50 उप निरीक्षकों को पुलिस आफिस में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जघन्य वारदातों का शिकार महिलाओं व नाबालिगों को न्याय और अपराधियों को उचित सजा दिलाने के लिए पुलिस को एक नया हथियार मिला है। जिसके माध्यम से पुलिस वारदातों से जुड़े सूक्ष्म साक्ष्य भी जुटा सकेगी। शासन ने जनपद पुलिस को 19 सेक्सुअल असाल्ट एविडेंस कलेक्शन किट दी हैं। इन किट का इस्तेमाल घटनास्थल और पीड़िता के शरीर से बाल, खून, नाखून समेत कई चीजों के सैंपल लेने में किया जाएगा। पोक्सो एक्ट के मुकदमों के विवेचना कर रहे उप निरीक्षकों को किट प्रदान की जाएंगी। इस किट के प्रयोग से विवेचक घटना से जुड़े सूक्ष्म साक्ष्य जुटाकर कार्रवाई पूरी कर सकेंगे।
एएसपी सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान उप निरीक्षकों को किट का प्रयोग कर घटना स्थल से साक्ष्य एकत्र करना सिखाया जाएगा। साक्ष्य व सैंपल एकत्र करने के उपरांत पुलिस उन्हें विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजेगी। प्रयोगशाला तक साक्ष्य व सैंपल को सुरक्षित पहुंचाने के संबंध में भी जानकारी दी जाएगी। सूक्ष्य से सूक्ष्म साक्ष्य को वैज्ञानिक आधार पर पुख्ता बनाया जाएगा। इस किट में एक लैंस भी मौजूद हैं। जिसके माध्यम से घटनास्थल की जांच कर सूक्ष्म साक्ष्यों को भी आसानी से देखा जा सकता है। सेक्सुअल एसाल्ट एविडेंस कलेक्शन किट के लाभ
एएसपी ने बताया घटना स्थल की जांच के दौरान किट के अभाव में कुछ आवश्यक चीजें पुलिस के हाथ नहीं लग पाती थीं लेकिन, इस किट के इस्तेमाल के बाद ऐसा न के बराबर होगा। किट का इस्तेमाल कर जांच एजेंसियां यौन शोषण के मामलों में वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्यों को पेश कर पाएंगी। घटना स्थल से साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया में पहले की तुलना में सुधार होगा। सूक्ष्म साक्ष्यों को एकत्र कर आरोपित को सजा दिलाने में आसानी होगी।