सेक्टर में विभाजित होंगे भूखंड, आवंटियों का रखा जाएगा रिकार्ड
जागरण संवाददाता हापुड़ कार्तिक पूर्णिमा मेला के आयोजन की शासन स्तर से अनुमति मिलने के
जागरण संवाददाता, हापुड़ :
कार्तिक पूर्णिमा मेला के आयोजन की शासन स्तर से अनुमति मिलने के बाद जिला प्रशासन तैयारी कराने में जुट गया है। मेला में आने वाले लोगों को पूर्व में आयोजित मेलों से अधिक सुविधाएं देने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। जिला प्रशासन इस बार मेला क्षेत्र में विभाजित सेक्टरों में ठहरने वाले श्रद्धालुओं के लिए जिला पंचायत द्वारा भूखंड आवंटित किए जाएंगे। जिला पंचायत के कर्मी द्वारा आवंटी की जानकारी दर्ज की जाएगी। गढ़मुक्तेश्वर के खादर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर लगने वाला मेला का महत्व महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। जिसका आयोजन जिला पंचायत द्वारा कराया जाता है। तीन साल पहले इस मेले को शासकीय मेले का दर्जा मिल चुका है। इस मेले में हर वर्ष 25 से 30 लाख लोग आते हैं। इनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु ऐसे होते हैं जो लगभग 20 दिन पहले से आकर डेरा डाल देते हैं। मेले को जनपदों के नाम से सेक्टरों में विभाजित किया जाता है। इनमें मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, अलीगढ़, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान के नाम से सेक्टर बनाए जाते हैं। मेला क्षेत्र में पुलिस लाइन और थाने बनाए जाते हैं। करीब एक माह चलने वाले इस मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रहती है। जिलाधिकारी अनुज सिंह ने बताया कि मेले में विभाजित सेक्टरों में ठहरने वाले श्रद्धालुओं के लिए भूखंड आवंटित किए जाएंगे। इसके लिए जिला पंचायत की ओर से टीम बैठाई जाएगी। जिसमें वह आवंटी का नाम, पता, आवंटित भूमि का क्षेत्रफल आदि जानकारी रजिस्टर में दर्ज की जाएगी। इससे न केवल आवंटी की जानकारी विभाग के पास होगी, बल्कि जगह का सदुपयोग भी होगा। यानि मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को जगह की कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस बार मेले का आयोजन प्रयागराज में आयोजित होने वाले कुंभ की तर्ज पर आयोजन कराने की योजना है। इसके लिए संबंधित लोगों से वार्ता चल रही है।