गड्ढों से मिलेगी निजात, वैट से पूठ तक फर्राटा भरेंगे वाहन
जागरण संवाददाता हापुड़ दो साल से जर्जर पड़े वैट से लेकर गंगा ग्राम घोषित पूठ तक मार्ग पर
जागरण संवाददाता, हापुड़
दो साल से जर्जर पड़े वैट से लेकर गंगा ग्राम घोषित पूठ तक मार्ग पर जल्द वाहन फर्राटा भरेंगे। शासन ने 25.60 किलो मीटर लंबे इस मार्ग के निर्माण के लिए मंजूरी दे दी है। साढ़े पांच मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण 33.96 करोड़ रुपये से किया जाएगा। शासन स्तर से धनराशि जारी होते ही टेंडर जारी किए जाएंगे। इस सड़क के बनने से क्षेत्र के 15 गांवों के 44 हजार से अधिक लोगों को फायदा मिलेगा।
गढ़मुक्तेश्वर के गांव वैट होकर वाया कुटी होकर गंगा ग्राम घोषित पूठ तक जाने वाले मार्ग की कुल लंबाई 25.60 किलोमीटर है, जबकि वैट से कुटी तक 15 किलोमीटर और कुटी से पूठ तक दूरी 11 किलोमीटर है। मौजूदा स्थिति में इस मार्ग की चौड़ाई 3.75 मीटर है। यह मार्ग जर्जर हालत में है। लोक निर्माण विभाग ने इस मार्ग को 5.5 मीटर चौड़ा करने के साथ निर्माण के लिए दो साल पहले प्रस्ताव तैयार किया था। शासन ने उस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी, लेकिन धन अभाव में फाइल आगे नहीं बढ़ पा रही थी। शासन से मंजूरी मिलने के इंतजार में सड़क की हालत जर्जर हो चुकी थी। इस मार्ग से गुजरने वाले राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ता था। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता जोध कुमार ने बताया कि शासन ने करीब 33 करोड़ 96 लाख रुपये से बनने वाले इस मार्ग के निर्माण के लिए वित्तीय मंजूरी दे दी है। धनराशि मिलते ही टेंडर जारी कर निर्माण कार्य शुरू कराया जाएगा। ------ इन गांवों के लोगों को मिलेगा फायदा इस मार्ग पर वैट, गंदूनगला, बढ़का नंगला, कन्नौर, देहरा, नानई, बहादुरगढ़, भदस्याना, आलमनगर, नवादा, शंकराटीला अंतिम गांव पूठ है। ये गांव वह हैं, जो सड़क के किनारे बसे हुए हैं। जबकि, इनके निकट गांव खेड़ा, लुहारी, करीमपुर और ढोलपुर गांवों के लोग आवागमन के लिए इस मार्ग का प्रयोग करते हैं। इस मार्ग के बनने से करीब 15 गांवों के 44 हजार से अधिक लोगों को फायदा मिलेगा। ------ आबादी के बीच सीमेंट की बनेगी सड़क सहायक अभियंता ऊधम सिंह ने बताया कि इस मार्ग के बीच में जहां-जहां गांव की आबादी आएगी, वहां-वहां सीमेंट की सड़क बनाई जाएगी। ताकि, बारिश के पानी या अन्य किसी कारण आसानी से सड़क खराब न हो सके। मार्ग बनने के बाद सफेद रंग की तीन पट्टियां खिचवाई जाएंगी, जिससे रात में कोहरे के समय वाहन चालक को सड़क दिखाई देती रहे। ------- गांव पूठ का है पौराणिक महत्व गंगा ग्राम घोषित पूठ का पौराणिक महत्व है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यह स्थान प्राचीन तीर्थ स्थली पुष्पावती धाम पूठ गुरू द्रोणाचार्य की तपोस्थली है। कौरव-पांडवों द्वारा इस स्थान पर शिक्षा ग्रहण की गई थी। महाभारतकाल में योद्धा अश्वत्थामा की जन्मभूमि है। मान्यता भी है कि यह स्थान भक्त ध्रुव की साधना स्थली रही है। यहां पर गांव शंकराटीला व पूठ दोनों गांवों की एक ग्रामसभा है। शंकराटीला में शंकराचार्य द्वारा तपस्या की गई थी। गंगा नदी के किनारे होने के कारण इस स्थान का महत्व बढ़ जाता है। यहां पूर्णिमा और अमावस्या के मौके पर लोग गंगा में स्नान करने के लिए आते-जाते हैं।