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डीएम की रिपोर्ट पर शासन ने हटाए पीडी और बीडीओ

शासन ने मंगलवार को जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर बड़ी कार्रवाई की है। ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक (पीडी)और खंड विकास अधिकारी गढ़मुक्तेश्वर को ग्राम्य विकास (मुख्यालय) आयुक्त कार्यालय से संबद्ध किया है। इस कार्रवाई से अन्य अफसरों में अफरा तफरी मची हुई है। रविवार की शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गो आश्रय केंद्रों को लेकर वीडियो कांफ्रेसिग हुई थी। जिसमें दोनों अधिकारी नहीं पहुंचे थे। फोन करने पर

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Jul 2019 08:39 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 06:23 AM (IST)
डीएम की रिपोर्ट पर शासन ने हटाए पीडी और बीडीओ
डीएम की रिपोर्ट पर शासन ने हटाए पीडी और बीडीओ

जागरण संवाददाता, हापुड़ :

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शासन ने मंगलवार को जिलाधिकारी अदिति सिंह की रिपोर्ट पर बड़ी कार्रवाई की है। ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक (पीडी) और खंड विकास अधिकारी गढ़मुक्तेश्वर को ग्राम्य विकास (मुख्यालय) आयुक्त कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है। इस कार्रवाई से अन्य अफसरों में अफरा-तफरी मची हुई है।

रविवार की शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोआश्रय केंद्रों को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिग हुई थी। जिसमें दोनों अधिकारी नहीं पहुंचे थे। फोन करने पर दोनों में से किसी ने भी फोन नहीं उठाया था। जनपद में बने गो आश्रय केंद्रों पर भी व्यवस्था नहीं थी। सोमवार को जिलाधिकारी अदिति सिंह ने विभिन्न सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण कराया था। ऐसे लोगों को चिह्रिंत किया गया था जो सुबह नौ बजे कार्यालय पहुंचकर लोगों की समस्या नहीं सुन रहे हैं। इस निरीक्षण में भी ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक और खंड विकास अधिकारी गढ़मुक्तेश्वर कार्यालय में नहीं मिले थे।

जिलाधिकारी अदिति सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि दी थी और शासन को कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा था। मंगलवार की शाम को जिला मुख्यालय पर शासन से आदेश भेजे गए हैं। जिसमें ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक शशिकांत त्रिपाठी और खंड विकास अधिकारी प्रेमचंद को तत्काल प्रभाव से आयुक्त कार्यालय, ग्राम्य विकास (मुख्यालय) से संबद्ध करने के निर्देश दिए गए हैं।

जिलाधिकारी अदिति सिंह ने बताया कि दोनों अधिकारियों को ग्राम्य विकास (मुख्यालय) संबद्ध करने के लिए आदेश मिल गए हैं। कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शासन के निर्देशों का अधिकारी पालन करें और सुबह नौ से ग्यारह बजे तक कार्यालय में बैठकर लोगों की समस्याएं सुने।


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